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- सही नब्ज पर हाथ
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीन से पेश आ रही चुनौती के कारणों का एक सही निदान किया है। पिछले दिनों उन्होंने चीन का मुकाबला करने के लिए अपनी जो त्रि-सूत्री नीति घोषित की, उसका पहला सूत्र बताता है कि समस्या चीन नहीं, बल्कि अमेरिका की अपनी कमजोरी है। ये बात यह है कि अमेरिका ने अपने श्रमिकों और विज्ञान में पर्याप्त निवेश करना छोड़ दिया। बाइडेन की ये टिप्पणी गौरतलब है- 'भविष्य इस पर निर्भर करता है कि टेक्नोलॉजी, क्वांटम कंप्यूटिंग और मेडिकल क्षेत्र सहित बहुत से मामलों में कौन आगे रहता है। इसलिए भविष्य के उद्योगों, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग और बायो-टेक में निवेश बढ़ाना होगा।' बाइडेन ने कहा कि चीन अपनी भविष्य की योजना के तहत अमेरिका की तुलना में बहुत ज्यादा निवश कर रहा है। अब अमेरिका भी वास्तविक निवेश करेगा। ये बात अहम इसलिए है कि चीन की असली ताकत सैनिक नहीं है। आज भी इस मामले में अमेरिका से उसका कोई मुकाबला नहीं है। लेकिन उसने जो आर्थिक, तकनीकी और मानव विकास संबंधी तरक्की की है, उसमें अमेरिका उससे पिछड़ता दिख रहा है।