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- विकास बनाम महंगाई
राष्ट्रीय स्तर पर विकास को खड़ा करके महंगाई को पीटने जैसी कोशिश हो रही है, उसी तरह हिमाचल में भी उपचुनावों के परिणामों से बाहर निकलने के लिए सरकार आगामी बढ़त के लिए विकास के रथ खोलना चाहती है। इसमें दो राय नहीं कि हिमाचल में उपचुनावों के बीच महंगाई का डंक भारी पड़ा और यह क्रम जारी है। ऐसे में सरकारी तौर पर पेट्रोलियम उत्पादों के मूल्य में कटौती करके जो राजनीतिक पुण्य कमाया गया, वह खाद्य पदार्थों के उछलते दामों ने गंवा दिया। अब नए साजो सामान की दृष्टि से विकास की तख्तियां हाजिर हैं। सरकार का फोकस राजनीतिक महत्त्व के क्षेत्रों में बढ़ेगा और इसी अनुपात में धर्मशाला आकर जाइका-दो की शुरुआत से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राजनीति का नया श्रीगणेश भी किया है। जाहिर है 1010 करोड़ की कृषि परियोजना के भीतर लाभ के कई शब्द और सरकार के फर्ज के कई उच्चारण हैं, जो अगले एक साल में जनता की खिदमत करेंगे।
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