सम्पादकीय

बढ़ते संक्रमण की चिंता

Rani Sahu
29 Aug 2021 6:56 PM GMT
बढ़ते संक्रमण की चिंता
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एक बार फिर सचेत करना पड़ रहा है कि कोरोना वायरस अब भी मौजूद है और संक्रमण लगातार बढ़ रहा है

दिव्याहिमाचल । एक बार फिर सचेत करना पड़ रहा है कि कोरोना वायरस अब भी मौजूद है और संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। यह सिर्फ केरल के ही कारण है। अलबत्ता महाराष्ट्र में भी शनिवार को 24 घंटे में 4831 संक्रमित मामले दर्ज किए गए हैं। आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर में मिजोरम में भी हालात ठीक नहीं हैं। हररोज़ 1000-1500 केस सामने आ रहे हैं। हालांकि शेष देश में कोरोना लगभग शांत है और चिंता अपेक्षाकृत नगण्य है। दरअसल चिंता का सबब यह है कि बीते कुछ दिनों से संक्रमित मरीजों के 44-47 हजार मामले रोज़ाना दर्ज किए जा रहे हैं। मौतें भी 500-600 के बीच हो रही थीं। शनिवार को 460 मौतें दर्ज की गई हैं। इस दौर में संक्रमण के आंकड़े 25,000 से भी कम हुए थे। फिर 30-35 हजार के दरमियान रहे। अब आंकड़े शनिवार को 45083 सामने आए हैं। चूंकि संक्रमण का सिलसिला लगातार जारी है, लिहाजा इन मामलों को 'दूसरी लहरÓ की ही निरंतरता माना जा रहा है। फिर दोहराएंगे कि यह स्थिति सिर्फ केरल के कारण ही है। केरल में शनिवार को भी 31,265 केस दर्ज किए गए। बीते 5 दिनों में कोरोना के करीब 1.5 लाख मामले दर्ज किए जा चुके हैं।

यानी करीब 70 फीसदी संक्रमण केरल में ही है। यह तब है, जब केरल ऐसा दूसरा राज्य है, जहां टीकाकरण सबसे अधिक किया गया है। आबादी के लिहाज से सबसे ज्यादा टीकाकरण गुजरात में किया गया है और तीसरे स्थान पर मध्यप्रदेश है। बहरहाल कुल 63 करोड़ से ज्यादा खुराकें दी जा चुकी हैं। सितंबर-अक्तूबर में करीब 48 करोड़ खुराकें देने का लक्ष्य है। टीकाकरण की गति एक दिन में एक करोड़ से ज्यादा स्थापित हो चुकी है। बीते 24 घंटे में 74 लाख से अधिक लोगों को टीके दिए गए। टीकाकरण की इस गति से न केवल हमारे त्योहार सुरक्षित हो सकते हैं, बल्कि 31 दिसंबर तक तय लक्ष्य के करीब भी पहुंचा जा सकेगा। अब कवच टीका ही है, जो आम आदमी को मौत के खिलाफ संरक्षण दे सकता है। केरल में संक्रमण का फैलाव इसलिए भी सामने आ रहा है, क्योंकि वह एक खुला राज्य है। ईद के बाद ओणम और मुहर्रम के त्योहार भी खुलकर मनाए गए। बाज़ार खुले रहे और भीड़ उमड़ती रही। नतीजा सामने है कि फिलहाल देश में करीब 3.7 लाख सक्रिय मामले हैं। उनमें से 2 लाख से अधिक मामले केरल में ही हैं। जाहिर है कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर पूरे देश की तस्वीर और समीकरण बिगड़े हुए हैं। कोरोना पर राष्ट्रीय टास्क फोर्स और विशेषज्ञ समूह के प्रमुख डॉ. विनोद कुमार पॉल ने देश को चेतावनी दी है कि सितंबर-अक्तूबर माह में कोरोना के 4 लाख मामले रोज़ाना सामने आ सकते हैं। मई मेें देश यह विभीषिका देख और झेल चुका है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन इंस्टीट्यूट का आकलन है कि यदि कोरोना संक्रमण के मामले यूं ही बढ़ते रहे, तो रोज़ाना 6 लाख केस तक की नौबत भी आ सकती है। विशेषज्ञ समिति ने गहन विमर्श के बाद अपनी रपट प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंप दी है। रपट में खुलासा किया गया है कि अक्तूबर में तीसरी लहर का 'चरमÓ भी देखने को मिल सकता है। ज्यादातर देश इन संभावित स्थितियों से निश्चिंत है। अब ज्यादातर राज्यों में स्कूल भी खोले जा रहे हैं। बाज़ार, रेस्तरां, बार आदि आधी रात तक खुले रखे जा सकते हैं। लोग घर से बाहर निकल रहे हैं और इन जगहों में भीड़ जमा हो रही है। क्या इनसे कोरोना संक्रमण नहीं फैलेगा? हालांकि बहुत देर के बाद केरल ने सोमवार से रात्रि कफ्र्यू की घोषणा की है, लेकिन देशभर में क्या होगा? तालाबंदी कोरोना संक्रमण को रोकने का समाधान नहीं है, लेकिन लापरवाही और गैर-जिम्मेदारी का खुलापन और जमावड़े भी स्वीकार्य नहीं होने चाहिए।


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