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- बढ़ता खतरा
हाल में आया सरकारी आंकड़ा बता रहा है कि महामारी की शुरुआत से अब तक देश में चार करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। तेईस जून 2021 तक संक्रमितों की संख्या तीन करोड़ के पार निकल चुकी थी। अब यह चार करोड़ से ऊपर है। यानी छह महीने में एक करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ गए। रोजाना संक्रमितों की संख्या अभी भी तीन लाख के करीब बनी हुई है। संक्रमण से मरने वालों की संख्या हफ्ते भर से लगातार बढ़ रही है। कोरोना से अब तक मारे गए लोगों का आंकड़ा चार लाख नब्बे हजार से ज्यादा हो गया है। कुछ दिनों में यह पांच लाख को छू सकता है।
हालांकि गैर-सरकारी आंकड़े इससे कई गुना ज्यादा हैं। यों एक सकारात्मक संकेत भी है कि पिछले चार दिन में संक्रमण दर कम पड़ी है। 21 जनवरी को संक्रमण दर करीब अठारह फीसद दर्ज की गई थी, जो अब साढ़े पंद्रह फीसद पर आ गई है। कुल जमा हम ऐसी स्थिति में पहुंच गए हैं जिसमें हालात तेजी से ऊपर-नीचे हो रहे हैं। इसलिए अभी यह कह पाना मुश्किल है कि तीसरी लहर का चरम आ चुका है या नहीं।
हम अभी खतरनाक दौर से निकल नहीं पा रहे हैं। अब कोरोना के नए बहुरूप ओमीक्रान ने हालात बिगाड़ दिए हैं। ओमीक्रान का भी एक और नया रूप आ गया। इसके सामुदायिक प्रसार की बात भी कही जा चुकी है। भारत सरकार की अड़तीस प्रयोगशालाओं के समूह इंसाकोग ने पहली बार इस बात की पुष्टि की है कि ओमीक्रान का सामुदायिक प्रसार हो चुका है। ऐसे में सबसे बड़ा संकट इस बात का खड़ा हो गया है कि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वालों की जांच का कोई मतलब नहीं रह गया है। अब यह भी नहीं पता लग सकता कि कौन किसको संक्रमित कर रहा है। यही बेहद खतरनाक स्थिति है।