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- देवास-एंट्रिक्स घोटाले...
डा. तुलसी भारद्वाज। सर्वोच्च न्यायालय ने हाल में राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण के देवास मल्टीमीडिया कंपनी को बंद करने के फैसले को सही ठहराते हुए उक्त कंपनी को एक 'दैत्य' की संज्ञा दी। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में देवास-एंट्रिक्स सौदे को धोखा भी करार दिया। इसके अगले ही दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उसकी अगुआई वाली संयुक्त प्रगतिशील सरकार इस भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार थी। उनके अनुसार यह भारत के साथ हुआ एक बड़ा धोखा था। इससे देवास-एंट्रिक्स सौदे में हुआ घोटाला फिर चर्चा में आ गया। इससे पहले इसी संदर्भ में कनाडा की एक अदालत द्वारा एयर इंडिया की संपत्ति जब्त करने के फैसले से भारत सरकार की किरकिरी हुई थी। इसी तरह फ्रांस की एक अदालत ने भी भारतीय राजदूत के आवास बेचकर देवास को हर्जाना देने का फरमान जारी किया था। दरअसल देवास के वरिष्ठ सलाहकार जे न्यूमैन इंटरनेशनल चैंबर आफ कामर्स के नियमों का हवाला देते हुए वैश्विक मंचों पर यह सिद्ध करने में लगे हुए थे कि भारत अब विदेशी निवेश के लिए सुरक्षित नहीं रह गया है। इस मुहिम के पीछे है वह करार था जो देवास मल्टीमीडिया और एंट्रिक्स के बीच वर्ष 2004 में संप्रग सरकार के समय हुआ था।