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- आर्थिक असंतुलन दूर करे...
भरत झुनझुनवाला : भारत सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन का कहना है कि भारत का घरेलू बाजार छोटा है, इसलिए आर्थिक विकास के लिए निर्यात को बढ़ाना होगा। संयुक्त राष्ट्र की संस्था अंकटाड के अनुसार चीन के निर्यात में 2019 की पहली तिमाही के मुकाबले 2021 की पहली तिमाही में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसी अवधि में दक्षिण एशिया, जिसमें भारत प्रमुख है, से होने वाले निर्यात में दो प्रतिशत की गिरावट आई है। यह तब है जब 2020 में हमें आशा थी कि कोविड के कारण चीन के विरुद्ध भड़क रही भावना से विश्व भर में चीन से कम माल खरीदा जाएगा और बहुराष्ट्रीय कंपनियां चीन से निकलकर दूसरे देशों में कारोबार बढ़ाएंगी। यह अनुमान सही साबित नहीं हुआ। कोविड के बावजूद जहां चीन का निर्यात तेजी से बढ़ रहा है, वहीं हम अपने पुराने बाजारों से भी फिसल रहे हैं। हमारी इस फिसलन का एक बड़ा कारण देश की नौकरशाही है। यह सही है कि सरकार ने तकनीकी सुधारों से निर्यातकों को कई प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं और ईमानदार अधिकारियों की पदोन्नति दी है तथा भ्रष्ट अधिकारियों को सेवानिवृत्त किया है, लेकिन जमीनी स्तर पर नौकरशाही का अवरोध बरकरार है। किसी उद्यमी को निर्यात का ऑर्डर सप्लाई करना था। सप्लाई की आखिरी तिथि आ चुकी थी। उनका कंटेनर बंदरगाह पर जहाज में लादे जाने के लिए रखा हुआ था। उस समय बंदरगाह के अधिकारी ने कहा कि वह कंटेनर में रखे 25-25 किलो के 1600 बक्सों में प्रत्येक का वजन चेक करेंगे। इसमें कम से कम दो दिन का समय लगता। तब तक निर्यात की तारीख निकल जाती। सरकार को नौकरशाही के मूल चरित्र को समझकर जमीनी नौकरशाही पर नियंत्रण के लिए जन सहयोग की व्यवस्था करनी होगी। नौकरशाही सहयोग करे तो हम निर्यात में इजाफा कर सकते हैं।