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- सरकार दे मुआवजा

कोरोना महामारी का शिकार हुए लोगों के परिवारों को सहायता देने के सवाल पर केंद्र सरकार का रुख हैरान करता है। पहले तो उसने कहा कि इतना बड़ा खर्च उठाना उसके बूते की बात नहीं है। बाद में इस पर स्पष्टीकरण देते हुए सरकार ने माना कि समस्या संसाधनों की कमी की नहीं है। पैसे तो उसके पास हैं, लेकिन वह इन्हें स्वास्थ्य ढांचे को दुरुस्त करने, ऑक्सिजन और टीके की निर्बाध सप्लाई सुनिश्चित करने और अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज करने जैसे कार्यों में लगाना चाहती है। स्वास्थ्य ढांचा मजबूत करने और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने जैसे उद्देश्यों की अहमियत से भला कौन इनकार कर सकता है, ये काम सरकार की प्राथमिकताओं में होने ही चाहिए, लेकिन सवाल इस मान्यता पर जरूर उठता है जो यह संकेत दे रही है कि अगर कोरोना से पीड़ित जरूरतमंद परिवारों को मदद दी जाएगी तो सरकार इन बड़े उद्देश्यों पर काम नहीं कर पाएगी। ध्यान रहे कि कोरोना से हुई मौतों के मामले में संबंधित परिवारों को प्रति परिवार 4 लाख रुपये मुआवजा देने का प्रस्ताव विचाराधीन है। यह भी कहा जा चुका है कि अगर यह बहुत ज्यादा है तो सरकार अपनी तरफ से कोई राशि बताए, जिससे इन परिवारों की मदद हो जाए और उस पर असह्य बोझ भी न पड़े।
