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- टीके पर नासमझी
सरकार ने अपनी तरफ से यह स्पष्टीकरण देकर अच्छा किया है कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन में नवजात बछड़ों का सीरम नहीं होता। सोशल मीडिया के जरिए फैली यह अफवाह महामारी की तीसरी लहर को रोकने के तमाम प्रयासों पर पानी फेर सकती है। हालांकि इसके मूल में आरटीआई के तहत पूछे गए सवाल से मिले जवाब को बताया जा रहा है, लेकिन इस जवाब को कांग्रेस के एक नेता ने जिस अंदाज में ट्वीट किया, उससे इस विवाद ने एक अलग ही रूप ले लिया। हालांकि विवाद बढ़ने के बाद न केवल भारत बायोटेक और केंद्र सरकार की ओर से बल्कि ट्विटर पर सक्रिय जानकार लोगों की ओर से भी स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश हुई। इससे यह साफ हुआ कि मामला आरटीआई के तहत हासिल किए गए जवाब का उतना नहीं, जितना उसे समझने में हुई चूक का है। वेरो सेल विकसित करने के लिए अगर बछड़े के सीरम का इस्तेमाल होता है तो इसका मतलब यह नहीं हुआ कि फाइनल प्रॉडक्ट यानी वैक्सीन में भी यह सीरम होता है और न ही यह कि इसके लिए नवजात बछड़ों को मारा जाता है।