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बीजेपी-कांग्रेस में कांटे की टक्कर
राजेश डी सिल्वा।
गोवा (Goa) की 40 सीटों के लिए मैदान में उतरे 301 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला 10 मार्च, 2022 को होगा. लेकिन एग्जिट पोल के मुताबिक कांग्रेस (Congress) आगे है और बीजेपी (BJP) उसे बराबरी की टक्कर दे रही है. ऐसे में निर्दलीय उम्मीदवार सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. कुछ एग्जिट पोल के नतीजे बीजेपी को भी आगे बता रहे हैं. हालांकि, दोनों सरकार बनाने के 21 सीटों के जादुई आंकड़े से पीछे दिख रही हैं.
68 निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं, जिन्होंने मुख्य राजनीतिक दलों से बगावत की. राजनीतिक शतरंज की इस बिसात पर बीजेपी और कांग्रेस प्रमुख दावेदार के रूप में उभरी है. इसके विपरीत, आम आदमी पार्टी (AAP), गोवा फॉरवर्ड पार्टी (GFP), तृणमूल कांग्रेस (TMC), महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (MGP), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), शिवसेना, नवगठित पार्टी रेवोल्यूशनरी गोअंस, गोएंचो स्वाभिमान पार्टी, जय महाभारत पार्टी और संभाजी ब्रिगेड, बीजेपी और कांग्रेस के वोट बैंक को तोड़ने में अहम भूमिका निभाएगीं.
कौन 21 सीटों के जादुई आंकड़े को छू पाएगा ये कहना अभी मुश्किल है
गोवा विधानसभा चुनाव 14 फरवरी, 2022 को हुए थे. चुनाव आयोग के आधिकारिक आंकड़े कहते हैं कि गोवा में 11.6 लाख वोटर हैं. उत्तरी गोवा में 81.15 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि दक्षिण गोवा में 79.61 प्रतिशत मतदान हुआ. फरवरी 2017 में हुए पिछले गोवा चुनावों में गठबंधन की सरकार बनी थी, जिसमें बीजेपी ने जीएफपी और एमजीपी और निर्दलीय उम्मीदवारों की मदद से सत्ता पर दावा किया था. मनोहर पर्रिकर मुख्यमंत्री बनकर गोवा की राजनीति में लौटे. उनके निधन के बाद 19 मार्च 2019 को प्रमोद सावंत ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
गोवा में अब दो प्रमुख राष्ट्रीय दलों बीजेपी और कांग्रेस पार्टी के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है. उन्हें सरकार बनाने के लिए दूसरे दलों की मदद लेनी पड़ सकती है. गोवा चुनावों में अतीत में 12 दलबदल हुए, जिसमें तीन विधायकों ने इस्तीफा दे दिया और फिर से निर्वाचित हुए. कांग्रेस पार्टी पिछले विधानसभा चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, पर सरकार बनाने में विफल रही थी. लेकिन इस बार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इस बात पर खास ध्यान दे रहे हैं कि जीतने के बाद कोई पार्टी उनके विधायक को दलबदल के लिए बरगला नहीं पाए.
बीजेपी ने पहली बार सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ा है. मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने जरुरत पड़ने पर कांग्रेस विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल करने से हालांकि इनकार किया और कहा कि बीजेपी को कम से कम 21 सीटें जीतने का भरोसा है और अगर जरूरत पड़ी तो बीजेपी कुछ निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ सरकार बनाने में सक्षम होगी. उन्होंने ये भी स्वीकार किया कि उनकी पार्टी पहले से ही कुछ निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ संपर्क में है, जिनके जीतने की संभावना है. अगले कुछ दिनों में गोवा में सरकार बनाने के लिए चिर प्रतिद्वंद्वी बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने नजर आएंगी. कौन 21 सीटों के जादुई आंकड़े को छू पाएगा ये कहना अभी मुश्किल है.
(लेखक गोवा के पत्रकार हैं और नेशनल काउंसिल ऑफ न्यूज एंड ब्रॉडकास्टिंग के सलाहकार भी हैं, आर्टिकल में व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं.)
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