सम्पादकीय

सेना में लड़कियां

Gulabi
25 Sep 2021 5:31 AM GMT
सेना में लड़कियां
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पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से मौसम बदल रहा है, उसी तरह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक हालात एवं समीकरण बदल रहे हैं

पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से मौसम बदल रहा है, उसी तरह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक हालात एवं समीकरण बदल रहे हैं। अफगानिस्तान में लोकतांत्रिक सरकार का तख्ता पलट कर तालिबानी सरकार ने कब्जा कर लिया, जिसको कुछ देशों ने शुरू से ही समर्थन दे दिया था, पर अंतरराष्ट्रीय साख बचाए रखने के लिए तालिबानियों को समावेशी सरकार बनाने की गाहे-बगाहे सलाह देते रहे। दूसरी तरफ विश्व की दो महाशक्तियों ने अपने-अपने दोस्तों के साथ या तो कोई सैन्य अभ्यास शुरू किया है या फिर कोई सामरिक सम्मेलन। हमारे यहां भी पिछले कुछ दिनों में 4 राज्यों के मुख्यमंत्री बदले गए जिनमें देश की दोनों मुख्य पार्टियों द्वारा शासित राज्य हैं। इस बदलाव को देखते हुए भविष्य की राजनीति का अंदाजा भली-भांति लगाया जा सकता है। इसके अलावा पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट का एक अहम फैसला सामने आया जिसमें लड़कियों को सेना में एनडीए के जरिए एंट्री को इसी वर्ष से शुरू करने का सरकार को आदेश दिया गया।

अब तक एनडीए में केवल लड़कों को ही एंट्री मिलती थी और लड़कियां सेना के तीनों अंग जल, थल और वायु में ग्रेजुएशन के बाद ही शामिल हो सकती थीं, जबकि लड़के एनडीए द्वारा 12वीं के बाद ही सेना में शामिल हो सकते थे। इसी संदर्भ में वकील कुश कालरा ने सुप्रीम कोर्ट में महिलाओं की बराबरी का हवाला देते हुए मांग की थी कि महिलाओं को भी एनडीए में दाखिला मिलना चाहिए जिस पर कोर्ट ने लड़कियों को एनडीए परीक्षा देने की इजाजत दे दी थी और केंद्र सरकार से हल्फनामा दाखिल कर टाइमलाइन बताने के लिए कहा था कि यह साफ होना चाहिए कि महिलाएं एनडीए में कब तक दाखिला ले सकती हैं।
इस पर सरकार ने लड़कियों के लिए मापदंड तय करने और नीतियां लागू करने के लिए 6 महीने का समय मांगते हुए कहा था कि मई 2022 से लड़कियां परीक्षा में शामिल हो सकेंगी, पर इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेना तो तत्काल काम करती है और अगले साल के लिए इस निर्णय को टालना सही नहीं होगा तथा इसी साल 14 नवंबर को ही एनडीए की प्रवेश परीक्षा लड़कियों के लिए होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि परीक्षा में देखेंगे कि कितनी महिलाएं उपस्थित होती हैं। मेरा मानना है कि लड़कियों को एनडीए के जरिए सेना में एंट्री देना एक अच्छी पहल है, पर इसके लिए लड़कियों को एनडीए ट्रेनिंग के दौरान दिए जाने वाले शारीरिक और मानसिक परीक्षण के लिए तैयार करना जरूरी है। यह बात गौर करने लायक है कि एनडीए के लिए ज्यादातर कैंडिडेट सैनिक स्कूल और मिलिट्री स्कूल में तैयार किए जाते हैं, लेकिन लड़कियों के लिए सैनिक स्कूल में प्रवेश नहीं है। वैसे रक्षा मंत्रालय ने लड़कियों के लिए भविष्य में सैनिक स्कूल में प्रवेश की भी बात कही है। लड़कियों की एनडीए और सैनिक स्कूल में एंट्री उन्हें हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश होगी। लड़कियों में देश के लिए सेवा करने का जज्बा किसी लड़के से कम नहीं है।

कर्नल (रि.) मनीष धीमान

स्वतंत्र लेखक
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