सम्पादकीय

गिग कर्मियों की मुश्किलें

Gulabi
27 Dec 2021 5:15 AM GMT
गिग कर्मियों की मुश्किलें
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गिग वर्कर शब्द कला/संगीत की दुनिया से आया है
आज भारत में उबर, ओला, स्विजी, जमैटो, अर्बन कंपनी जैसी अनगिनत कंपनियां गिग मॉडल पर काम कर रही हैँ। बहरहाल, जो श्रमिक उनके लिए काम करते हैं, उन्हें ये वर्कर या कर्मचारी नहीं मानतीं। अब भारत में इस तरह के कर्मियों का मुद्दा गुड़गांव में अर्बन कंपनी की महिला कर्मियों के संघर्ष से मीडिया में आया है। Gig workers difficulties
गिग वर्कर शब्द कला/संगीत की दुनिया से आया है। वहां ऐसे परफॉर्मर को गिग कहा जाता है, जो कार्यक्रम विशेष के लिए आते हैं और अपना मेहताना लेकर चले जाते हैँ। यानी उनकी कोई तय तनख्वाह नहीं होती। ना ही उन्हे नौकरी संबंधी कोई सुरक्षाएं हासिल होती हैँ। बहरहाल, ये अलग दुनिया है। जिस अर्थ में अब गिग इकॉनमी चर्चित हो गई है, वहां के मजदूर ना तो सृजनात्मक कार्य से जुड़े होते हैं और ना ही एक परफॉर्मेंस से उन्हें इतना पैसा मिल जाता है कि उनकी जिंदगी आराम से चल सके। कारोबार की दुनिया में गिग शब्द स्मार्टफोन ऐप के अस्तित्व में आने के साथ प्रचलित हुआ। आज उबर, ओला, स्विजी, जमैटो, अर्बन कंपनी जैसी अनगिनत कंपनियां गिग मॉडल पर काम कर रही हैँ। बहरहाल, जो श्रमिक उनके लिए काम करते हैं, उन्हें ये वर्कर या कर्मचारी नहीं मानतीं। बल्कि उन्हें पार्टनर कहती हैँ। इस तरह उद्योग या सेवा क्षेत्रों में कर्मचारियों के लिए जो भी सुरक्षाएं लागू होती हैं, बिना उन्हें प्रदान किए वे बड़े मुनाफे का बिजनेस चला रही हैं। ब्रिटेन में इसी साल गिक वर्कर्स के मामले में एक महत्त्वपूर्ण न्यायिक फैसला आया। उसमें कहा गया कि गिग कारोबार चलाने वाली कंपनियों को अपने कथित पार्टनर्स को वर्कर मानना होगा और उन्हें वर्कर की तमाम सुविधाएं देनी होंगी।
भारत में अभी तक ये मामला कहीं दबा हुआ है। जबकि यहां गिग इकोनॉमी में काम करने वाले लोगों के लिए सामाजिक लाभ उपलब्ध करवाने वाला एक कानून 2020 में पास हुआ था। लेकिन ज्यादातर राज्यों ने अब तक उसे लागू नहीं किया है, जबकि यहां लाखों लोग कथित पार्टनर बन कर अपना गुजारा चला रहे हैँ। वैसे अब ये मुद्दा गुड़गांव में अर्बन कंपनी की महिला कर्मियों के संघर्ष से जरूर मीडिया में आया है। अर्बन कंपनी' एक भारतीय स्टार्टअप है, जो सौंदर्य और स्वच्छता संबंधी सेवाएं भी उपलब्ध करवाती है। कंपनी की महिला कर्मचारी एक नए नियम के खिलाफ प्रदर्शन पर उतरीं हैं। उनका दावा है कि ये नियम उनकी आय को प्रभावित कर रहे हैं। लेकिन कंपनी ने इन कर्मियों पर ही मुकदमा दर्ज करवा दिया। तो मुद्दा यह उछला है कि एक तो पहले ही इन कर्मियों को कोई सुविधा या सुरक्षा हासिल नहीं थी, और अब कंपनी उनकी कमाई का एक हिस्सा भी छीन रही है। तो अब देखने की बात होगी उन महिलाओं के संघर्ष से क्या गिग कर्मियों को कोई राहत मिलती है। नया इण्डिया
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