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- वैक्सीन सबसे पहले हो
आदित्य चोपड़ा| पिछले दिनों केन्द्रीय मन्त्रिमंडल में जो फेरबदल किया गया उसमें सबसे बड़ी जिम्मेदारी नये स्वास्थ्य मन्त्री श्री मनसुख मांडविया पर यह डाली गई कि वह देश को कोरोना संक्रमण की भयावहता से बाहर निकालेंगे। इसके साथ ही विभिन्न देशों से जिस प्रकार कोरोना संक्रमण के नये उत्परिवर्तन 'डेल्टा' के फैलने की खबरें आ रही हैं उसे देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के विभिन्न उच्चाधिकारियों ने चेताया है कि कोरोना से निपटने की वैक्सीन आ जाने के बाद अब पलड़ा हमारी तरफ झुका हुआ है, अतः विभिन्न देशों की सरकारों को जल्दी से जल्दी अपने सभी नागरिकों के वैक्सीन लगा कर संभावित तीसरी कोरोना लहर को प्रभावी होने से रोक देना चाहिए। भारत के सन्दर्भ में हमें बहुत गंभीरता के साथ इस सुझाव पर विचार करना चाहिए औऱ आम जनता को वास्तविकता से अवगत कराते हुए चलना चाहिए जिससे अधिक से अधिक लोग सुरक्षित रह सकें और सावधानी बरत सकें परन्तु गौर से देखा जाये तो इसका सारा दारोमदार अब सरकार पर ही निर्भर करता है अतः उसे भारतवासियों के लिए वैक्सीन की उपलब्धता से लेकर इसके उत्पादन व आयात के बारे में स्पष्ट आंकड़ें सामने रखने चाहिए। जाहिर तौर पर यह जिम्मेदारी श्री मनसुख मांडविया की है कि पूरे देश को विश्वास दिलायें कि आगामी दिसम्बर महीने तक प्रत्येक नागरिक को कोरोना टीका लगाने का काम सफलता पूर्वक पूरा हो जायेगा। फिलहाल इस विवरण के बारे में देश में भ्रान्ति का माहौल बना हुआ है क्योंकि दिसम्बर तक कुल 94 करोड़ वयस्कों में प्रत्येक को टीका लगाने का लक्ष्य तभी प्राप्त किया जा सकता है जब रोजाना 90 लाख के लगभग लोगों को टीका लगाया जाये। जबकि फिलहाल 40 लाख या इससे कम लोगों को ही रोजाना टीका लग रहा है। कई प्रदेशों की सरकारें वैक्सीन की कमी होने की केन्द्र सरकार से शिकायत कर रही हैं। यदि यह सही है तो स्वास्थ्य मन्त्रालय को वैक्सीन क्षमता व उत्पादन के सही आंकड़े सभी राज्य सरकारों के साथ साझा करने चाहिए जिससे किसी भी प्रदेश में वैक्सीन लगाने के केन्द्रों पर लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा होकर बाद में निराशा में न पड़ सके। लोकतन्त्र की यह पहली शर्त होती है कि लोगों का विश्वास उनकी चुनी हुई सरकारों में हर हालत में बना रहे और यह कार्य पारदर्शिता से ही संभव होता है। अतः नये स्वास्थ्य मन्त्री को लोगों को यह विश्वास दिलाना होगा कि सरकार के पास वैक्सीन की पर्याप्त सुलभता है और प्रत्येक राज्य सरकार को उसकी जरूरत के मुताबिक वैक्सीन उपलब्ध कराई जायेगी। यह सबसे जरूरी इसलिए है कि कोरोना संक्रमण के चलते आम लोग दाेहरी मार झेल रहे हैं। एक तरफ उनकी आमदनी घट कर आधी हो गई है और रोजगार खत्म हो रहा है और दूसरी तरफ महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है।