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- अंतरिक्ष में गूंजेगा...
28 फरवरी 2021 का दिन भारत के लिए ऐतिहासिक दिन रहा। अब अंतरिक्ष में गीता का संदेश गूंजेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने श्री हरिकोटा से पीएसएलवी सी-51 के जरिये एमेजोनिया-वन और 18 अन्य उपग्रहों को लांच किया। प्रक्षेपित किया गया एमेजोनिया-वन ब्राजील द्वारा तैयार सैटेलाइट है। अंतरिक्ष की दुनिया में इसरो हर दिन आगे बढ़ रहा है। एक तरफ जहां ये स्पेश मिशन भारत के लिए बेहद अहम रहा तो वहीं लांच की खास बात ये भी रही कि इसरो ने इस बार राॅकेट के साथ भगवद् गीता और नरेंद्र मोदी की तस्वीर भी अंतरिक्ष में भेजी है। इसरो ने अपने सतीश धवन सैटेलाइट के शीर्ष पैनल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर उकेरी है। यह कदम प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर पहल और निजी कंपनियों के अंतरिक्ष की राह खोजने वाली तिथि से एक जुटता दिखाने के लिए उठाया गया है। इस सैटेलाइट को इसरो के लिए स्पेस किड्ज ने विकसित किया है। स्पेस किड्ज इंडिया इस सैटेलाइट के जरिये अंतरिक्ष में रेडिएशन पर रिसर्च करेगा। भगवद् गीता की एक इलैक्ट्रानिक कॉपी भी अंतरिक्ष में भेजी गई है। भगवद् गीता को अंतरिक्ष में ले जाने का विचार स्पेस किड्स इंडिया की सीईओ डॉ. श्रीमती केसव ने ही दिया था। उनके मुताबिक अन्य अंतरिक्ष मिशन में भी अपने पवित्र प्रस्तावों जैसे बाइबल को ले जाने का प्रचलन है। भगवद् गीता को अंतरिक्ष में भेजकर भारत ने नया इतिहास बनाया है। ब्राजील का सैटेलाइट एमेजोनिया आप्टिकल पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है। यह उपग्रह अमेजन क्षेत्रों में वनों की कटाई की निगरानी और ब्राजील के क्षेत्र में विविध कृषि के विश्लेषण के लिए उपयोगकर्ताओं को दूरस्थ संवेदी आंकड़े मुहैया कराएगा तथा मौजूदा ढांचे को और सशक्त बनाएगा।