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दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज हारने पर बिफरे गावस्कर, बोले- टीम इंडिया ने लंच के बाद सरेंडर कर दिया

Subhi
15 Jan 2022 3:21 AM GMT
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज हारने पर बिफरे गावस्कर, बोले- टीम इंडिया ने लंच के बाद सरेंडर कर दिया
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आखिरी मोर्चे पर अब भी फतह नहीं पाई जा सकी। भारतीय टीम को एक बार फिर सात विकेट से बड़ी हार मिली। इससे ये भी पता चलता है कि घरेलू टीम ने पहले टेस्ट में मिली शिकस्त के बाद कैसे हालात का दोबारा से आकलन किया और अपनी लय हासिल की।

आखिरी मोर्चे पर अब भी फतह नहीं पाई जा सकी। भारतीय टीम को एक बार फिर सात विकेट से बड़ी हार मिली। इससे ये भी पता चलता है कि घरेलू टीम ने पहले टेस्ट में मिली शिकस्त के बाद कैसे हालात का दोबारा से आकलन किया और अपनी लय हासिल की। दक्षिण अफ्रीका ने वैसे पहले टेस्ट के तीसरे दिन ही अपनी कमियां सुधारना शुरू कर दिया था। उन्होंने तब भारतीय टीम के आखिरी सात विकेट सिर्फ 55 रनों पर निकाल लिए थे और उसके बाद से दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजों को न तो राहत की सांस ही लेने दी और न ही सहज होने दिया

बेशक इन पिचों पर खेलना आसान नहीं था, लेकिन जब भी गेंद ने थोड़ी सी भी हरकत करना शुरू किया, भारतीय बल्लेबाजों की तकनीकी खामियों को पोल खुल गई। ऐसा नहीं है कि दक्षिण अफ्रीकी टीम की बल्लेबाजी बहुत शानदार थी, लेकिन भारतीयों की तुलना में मेजबान बल्लेबाजों ने पिच पर टिकने का जज्बा और समर्पण दोनों दिखाया। अगर पिछले दोनों टेस्ट मैचों में 70 और रन लक्ष्य में जुड़े होते तो दक्षिण अफ्रीका के लड़खड़ाते बल्लेबाजी क्रम की अधिक परीक्षा ली जा सकती थी।

भारतीय गेंदबाजों ने सबकुछ झोंक दिया

भारतीय गेंदबाजों ने पूरे दिल से गेंदबाजी की और अपना सबकुछ झोंक दिया, लेकिन बल्लेबाजों ने उन्हें बचाव के लिए ज्यादा रन दिए ही नहीं थे। भारतीयों ने उस नतीजे को भी खुद पर हावी हो जाने दिया जो उनके पक्ष में नहीं गया था। टीम ने फोकस खोया और मेजबान टीम को अचानक ही कुछ बाउंड्री मिल गईं। उन्होंने काफी क्रिकेट खेला है जिससे उन्हें पता होना चाहिए कि इस तरह के मुकाबलों में ऐसी चीजें होती रहती हैं। इनसे निपटने का सबसे अच्छा तरीका है कि इन्हें बर्दाश्त करो और आगे बढ़ जाओ।

लंच के बाद टीम इंडिया ने बिलकुल ही सरेंडर कर दिया

सबसे निराशाजनक बात यह रही कि भोजनकाल के बाद टीम इंडिया ने बिलकुल ही सरेंडर कर दिया। जब एक आखिरी बड़े प्रयास की जरूरत थी तब उमेश यादव और रविचंद्रन अश्विन को गेंद थमा दी गई। इन खिलाडि़यों के लिए असम्मान की बात बिलकुल भी नहीं है, लेकिन इस पिच पर ये वे खिलाड़ी नहीं थे जिन्हें आखिरी कोशिश में आगे किया जाना चाहिए था। अश्विन की गेंदबाजी पर फील्डिंग काफी खुली हुई थी जिससे आसानी से सिंगल्स आ रहे थे और लक्ष्य सिमटता जा रहा था।

भारत ने मैच के और करीब जाने का मौका गंवा दिया

जसप्रीत बुमराह और मुहम्मद शमी बल्लेबाजों पर पूरी ताकत से एक आखिरी हमला बोलने को आतुर होंगे, लेकिन उन्हें ऐसा नहीं करने दिया गया और भारत ने मैच के और करीब जाने का मौका गंवा दिया। पहले टेस्ट में बड़ी शिकस्त के बाद दक्षिण अफ्रीका ने खुद को जिस तरह उठाया उसके लिए इस टीम को पूरे नंबर मिलने चाहिए। डीन एल्गर ने टीम की मोर्चे से अगुआई की और उनके समर्पण ने उनकी टीम को जीत का रास्ता दिखाते हुए मंजिल तक भी पहुंचाया।



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