- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- टकराव का मोर्चा
पंजाब की सत्ता में रहने के बावजूद पिछले कुछ समय से कांग्रेस को जिस तरह के आंतरिक कलह का सामना करना पड़ रहा है, उससे साफ है कि पार्टी के भीतर टकराव के ध्रुवों को संभाल पाने में शीर्ष नेतृत्व को कामयाबी नहीं मिल पा रही है। हालांकि हाल ही में मुख्यमंत्री पद पर बड़े बदलाव के सहारे कांग्रेस ने अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू की प्रतिद्वंद्विता का हल निकालने की कोशिश की थी, लेकिन उसके बाद भी दोनों खेमों की ओर से जैसी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, उससे यही लग रहा है कि भावी चुनावों में कांग्रेस को अपनी नाव संभालने के लिए शायद बहुत मेहनत करनी होगी। यों अमरिंदर सिंह और नवजोत सिद्धू के बीच टकराव पहले भी सरेआम रहे, लेकिन अब उसमें ज्यादा तीखापन आ गया है। अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पंजाब में नेतृत्व में बड़े बदलाव के बावजूद अमरिंदर सिंह ने सार्वजनिक तौर पर यह घोषणा कर दी है कि वे सिद्धू को मुख्यमंत्री नहीं बनने के देने के लिए कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं।