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- दिसंबर 27 की कोख से
अंकतालिका में खड़ी हिमाचल सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशस्ति पत्र का इंतजार। दिसंबर 27 की कोख में जन्म लेते उद्गार और प्रधानमंत्री की रैली की शरण में भाजपा की सियासत का सूरमा कौन-कौन बनेगा, यह अब राजनीतिक ग्राउंड ब्रेकिंग का भी प्रदर्शन है। चार साल की खूबियों में भविष्य की अभिलाषा को परिमार्जित करती मंडी की महरौली में वातावरण पैदा करने के मंसूबे शीर्षासन कर रहे हैं। विश्लेषण यह भी होगा कि इन सालों में हम कहां पहंुचे, जबकि बताया यह जाएगा कि हम बहुत आगे जाएंगे। आगामी चुनावों की तैयारी में मंडी तक पहुंच रहीं हवाएं उस बारूद की तरह भी हैं, जो विपक्ष में कांग्रेस के छक्के छुड़ाने का इरादा रखती हैं। दूसरी ओर लोकसभा के 2014 में हुए चुनाव की जो लहरें सुजानपुर की विशालकाय रैली में उठीं थीं, उसकी पड़ताल भी हो जाएगी। सुजानपुर रैली में हिमाचल से भाजपा का सबसे बड़ा वादा हुआ था। वहां आत्मनिर्भरता के कुंभ में डुबकी लगाती भोली जनता को बताया गया था कि केंद्र में मोदी की सरकार सपनों के कई जहाज उड़ाएगी और हिमाचली तरक्की पर छाई बर्फ पिघलेगी। इस बहाने मंडी रैली से सुजानपुर की हांक कितनी स्पष्ट सुनाई देती है या उन वादों का हिसाब अगर ईमानदारी से होता है, तो जनता अपने आशियाने में फिर राजनीतिक सपने बसा लेगी।
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