- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- हिजाब से हलाल तक
सुधीश पचौरी: यह 'बेकलैश' है। यह बदला है। यह भाजपा की समावेशी राजनीति का 'दंड' है…कुशीनगर के उस मुसलमान युवक का कसूर इतना ही था कि वह भाजपा की जीत पर मिठाई बांट रहा था! उससे नाराज होकर कुछ मुसलमान युवकों ने उसकी हत्या कर दी।
मृतक की पत्नी एक चैनल को रोते-रोते बताती है कि किस तरह से दूसरे उसको भाजपा का झंडा लगाने से मना करते थे। उन्हीं ने उनको मिल कर मारा है! उनमें से कई गिरफ्तार भी हुए हैं! जांच जारी है!
फिर एक दिन बंगाल के बीरभूम में टीएमसी के एक नेता द्वारा दूसरे नेता को 'डाउन' करने के लिए कई घरों में आग लगा कर आठ-नौ लोगों को जिंदा जला देने की खबर चर्चा में आती है! भाजपा बंगाल सरकार के होते हो रही हिंसा की आलोचना करती है, तो कह दिया जाता है कि यह राज्य सरकार से खिलाफ केंद्र की साजिश है! जब एक बहस में बात बढ़ती है, तो प्रवक्ता एक-दूसरे की सरकारों की हिंसक घटनाओं को गिनाने लगते हैं और 'मुद्दे' का ही वध कर दिया जाता है।
मगर वाह रे कर्नाटक! हिजाब की राजनीति निपटी भी नहीं थी कि 'हलाल मीट' की राजनीति शुरू कर दी! कर्नाटकी हिंदू तत्त्ववादी नेता कहिन कि हिंदू मेले में 'इस्लामिक हलाल मीट' की दुकानें नहीं लगेंगी, क्योंकि जब 'हिजाब हिजाब' किया जा रहा था, तब मुसलमानों ने अपनी दुकानें बंद रखी थीं!
पाक की राजनीति का संकट हमारे चैनलों के लिए सबसे बड़ी कहानी! रूस और यूक्रेन युद्ध से भी बड़ी कहानी!
आह इमरान, वाह इमरान! इमरान की सरकार गई! इमरान का बहुमत नहीं! संगी-साथी छोड़ गए! सेना ने कहा, छोड़ दो कुर्सी और पतली गली से निकल जाओ! इमरान के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव!
इमरान के दो दो जवाबी भाषण सीधे प्रसारित! अपने कई चैनल दिखाते 'अनकट'! इमरान पहले पाकिस्तान को 'रियासते-मदीना' बताते हैं, फिर अपने को पाक को इस्लाम के रास्ते चलाता बताते हैं और बार-बार विपक्ष को चेताते हैं कि जो इस्लाम के रास्ते नहीं चलते, वे उनको हटाने में लगे हैं… सारे चोर मिल कर पीछे पड़े हैं। बहरूनी ताकतें पीछे पड़ी हैं, लेकिन मैं इस्लाम की लड़ाई आखिरी दम तक लडूंगा। एक जनसभा में एक लेटर लहराते हैं, जो अंतत विवाद का विषय बन जाता है। पाक का एक बड़ा पत्रकार एक हिंदी चैनल पर आकर साफ कह जाता है कि कोई लेटर नहीं है।
दूसरा कहता है कि लेटर फर्जी है। तीसरा कहता है कि लेटर है, तो दिखाते क्यों नहीं? एक अमेरिकी प्रवक्ता भी कह देता है कि हमारी कोई भूमिका नहीं है!
पाकिस्तान की राजनीति 'पर्सनल इज पोलिटीकल' वाली है! सब एक-दूसरे को 'तू तड़ाक' से बोलते हैं! एक कहता है कि वह कुत्ता है, वह चोर है, तो दूसरा कहता है सारे चोर इकट्ठे हो गए हैं। ये चूहे हंै, कि इन्होंने अपना ईमान बेच दिया है! मेरे पास सबूत हैं। मेरी हुकूमत बदलने की साजिश चल रही है। अगर कोई गद्दारी करेगा, तो कौम उसको माफ नहीं करेगी! मैं आखिरी बाल तक खेलूमगा…
इमरान की पार्टी का एक प्रवक्ता आरोप लगाता है कि कुछ बाहरी ताकतें इमरान को हटाना चाहती हैं… यह साजिश नवाज शरीफ के यहां से शुरू हुई है। हम जानते हैं कि इसके पीछे कौन है। भारत इजराइल से नवाज शरीफ के रिश्ते छिपे नहीं हैं… यह सबकी मिली-जुली साजिश है!
दूसरा प्रवक्ता अपने यहां के एक चैनल के एंकर से ही कह बैठता है कि इन दिनों आपका मीडिया पाकिस्तान के मामलों में बहुत दिलचस्पी ले रहा है। आप लोग भी एक शख्स को सपोर्ट करते हैं, यह मेरी फीलिंग हैं। हर तरफ साजिश है!
एक चैनल यह बताने में लगता है कि इमरान ने काला जादू वाली बुशरा से मदद ली है। वे काला मुर्गा रोज चढ़ाते हैं। दूसरा बताता है कि इमरान गद्दी बचाने के लिए क्या क्या टोने-टोटके नहीं करवा रहे?