- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- 'डिडॅ नॉट फिनिश' से...
आदित्य चोपड़ा| भारतीय वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलिम्पिक में 49 किलोग्राम वर्ग में 202 किलो वजन उठाकर सिल्वर मेडल जीत लिया। मीराबाई पहली ऐसी भारतीय वेटलिफ्टर हैं, जिन्होंने ओलिम्पिक में रजत पदक जीता है। उनसे पहले कर्णम मल्लेश्वरी ने कांस्य पदक जीता था। ओलिम्पिक के इतिहास में मीराबाई सिल्वर मेडल जीतने वाली पीवी सिंधू के बाद दूसरी भारतीय महिला हैं। कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था कि बचपन में घर का चूल्हा जलाने के लिए लकड़ियां चुनकर लाने वाली लड़की भारत का नाम रोशन करेगी। मीराबाई आसानी से भारी से भारी गट्ठर कंधे पर उठाकर ले आती थी, जबकि उसके अन्य भाई-बहनों को भार उठाने में काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। ऐसे लगता था कि जैसे उसके पास भगवान ने विशेष शक्ति दी है। वह तीरंदाज बनना चाहती थी ताकि उसके कपड़े गंदे न हों। इम्फाल के नोंगपोक कामचिंग गांव में रहने वाली चानू तीरंदाजी के लिए ट्रायल देने भी गई थी, लेकिन उसे किसी ने ट्रेनिंग नहीं दी। जब वह आठवीं क्लास में थी, तब किताब में एक चैप्टर ने उसका भाग्य ही बदल दिया। उसने किताब में भारत की महान वेटलिफ्टर कुंजारानी देवी की सफलता की कहानी पढ़ी। बस यहीं से उसका लक्ष्य बदल गया। यही चैप्टर उसकी प्रेरणा बन गया।