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- असुर राज से मुक्ति!...
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वाह! ईश्वर की अमेरिका पर आज अनुकंपा। उसकी चार साला मूर्ख-अहंकारी-रावण राज से आज मुक्ति। पर कहीं ऐन वक्त विध्न-बाधा तो नहीं? हां, दुनिया के तमाम भले, सभ्य, सत्यवादी और खुद अमेरिका के बुद्धिमना, जाग्रत नागरिक और वहां की व्यवस्था चिंता में है कि जो बाइडेन की बतौर राष्ट्रपति शपथ शांतिपूर्वक हो पाती है या नहीं। जब तक व्हाइट हाउस में बैठ वे सत्ता सूत्र नहीं संभालते तब तक सांस रोके बैठे रहो। सोचें, ढाई सौ साल के लोकतंत्र और लोकतंत्र की वैश्विक मिसाल अमेरिका में आज कैसा विभाजक, गृहयुद्ध वाला वह माहौल है, जिससे शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण में दस तरह की चिंताएं है। तथ्य है कि वाशिंगटन के शपथ समारोह के लिए बुलाए गए 25 हजार नेशनल गार्ड में कुछ सिरफिरे गड़बड़ी न करें, इसकी आशंका में अमेरिका के रक्षा अधिकारी और एफबीआई के जासूस कई दिनों से नेशनल गार्ड याकि राष्ट्रीय पुलिस में एक-एक व्यक्ति के डाटा की छानबीन कर 25 हजार सुरक्षाकर्मियों की तैनातगी का काम कर रहे हैं। अमेरिकी सेना के मुख्यालय में चिंता है कि शपथ समारोह के वक्त कही इनसाइडर अटैक न हो जाए।
संसद भवन पर हमले के बाद छह जनवरी से अमेरिका का रक्षा प्रतिष्ठान, खुफिया एजेंसी एफबीआई लगातार चौकन्ने हैं और शपथ समारोह में बाधा की आशंका में हैं। रक्षा मंत्री रयॉन मैक्कार्थी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कमांडर लोग अपनी रैंक के भीतर पड़ताल करें कि कौन-कौन सिरफिरे हो सकते हैं! 'हमारी छानबीन लगातार है और ऑपरेशन (शपथ समारोह की सुरक्षा) में जुड़े हर व्यक्ति की बार-बार जांच हो रही है ताकि कोई चूक नहीं हो'!