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- नए मोड़ पर आजादी
क्रेडिट बाय हिन्दुस्तान। 75वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लाल किले से संबोधन इतिहास के गौरव और वर्तमान की चुनौतियों के मंच से उज्ज्वल भविष्य की ओर देखने की एक प्रेरक कोशिश है। लाल किले से अपने आठवें संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां से शुरू होकर अगले 25 वर्ष की यात्रा तक, जब हम आजादी की शताब्दी मनाएंगे, नए भारत के सृजन का यह अमृत काल है। इस अमृत काल में हमारे संकल्पों की सिद्धि हमें आजादी के 100 वर्ष तक ले जाएगी और गौरवपूर्ण रूप से ले जाएगी। वाकई अगर भारत सरकार ने आगामी 25 वर्षों में देश के विकास के लिए जी-जान लगा दिया, तो इसमें कोई शक नहीं कि भारत दुनिया में सबसे आदर्श लोकतांत्रिक महाशक्ति के रूप में चमक उठेगा। हमारी आबादी का गणित बताता है कि वर्ष 2035 तक भारत युवाओं का देश रहेगा, मतलब हमारे लिए आगामी पंद्रह से बीस साल बहुत महत्व रखते हैं। इन वर्षों में अगर हम पूरी मेहनत, ईमानदारी और कौशल से आगे बढ़े, तो सचमुच कमाल होने वाला है। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में बिल्कुल सही इशारा किया कि सरकारी नियमों व प्रक्रियाओं को लोगों के लिए बहुत आसान बनाना होगा। विगत सत्तर वर्षों से जो जकड़ रही है, उसे ढीला करने में वक्त लगेगा, लेकिन सरकारी विभागों, कर्मचारियों को समय के अनुसार ढलना पड़ेगा। आज किसी भी तरह का उद्यम करना या कोई नया काम करना पहले की तुलना में थोड़ा आसान हुआ है, लेकिन इस दिशा में अभी भी बहुत कुछ करना शेष है।