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- गरीबों को मुफ्त अनाज
कोरोना महामारी का भयावह तांडव जारी है। बड़ी संख्या में मौतों की वजह बन रही यह महामारी अर्थव्यवस्था और लोगों की आजीविका को भी तबाह कर रही है। भारत इस कहर से सर्वाधिक प्रभावित देशों में शुमार हो चुका है। गत वर्ष सितम्बर के बाद धीरे-धीरे पटरी पर आती अर्थव्यवस्था अब महामारी की दूसरी और गम्भीर लहर की चपेट में है। जिनके पास धन था उन्होंने तो आर्थिक झटके को सहन कर लिया था। मध्यम आय वर्ग ने भी अपनी बचत से काम चला लिया था लेकिन गरीब और निम्न आय वर्ग मुश्किलों के प्रभाव से बाहर नहीं निकल सका। अब कोरोना की दूसरी लहर के चलते संक्रमण को रोकने के लिए जरूरी पाबंदियों से उनके वर्तमान और भविष्य के लिए नई चुनौतियां पैदा हो गई हैं। पिछले वर्ष गरीब और निम्न आय वर्ग के लिए सरकार की कल्याणकारी योजनाएं और पैकेज बड़ी राहत साबित हुए थे लेकिन परिस्थितयां ऐसी बनीं कि गरीब आबादी में 7.5 करोड़ लोग और जुड़ गए। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के चलते गरीबों की संख्या कितनी बढ़ेगी, इसका अनुमान अभी नहीं लगाया जा सकता। संक्रमण के विकराल रूप को देखते हुए यह कह पाना असम्भव है कि इस वर्ष वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था का स्वरूप क्या होगा।