- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- मुफ्त बिजली: चोरी और...
x
समाचार है कि उत्तरप्रदेश के बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के संगठन पॉवर आफिसर्स एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा एसोसिएशन के कुछ प्रभावशाली पदाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी से मिले हैं और उनको बताया है कि बिजली चोरी रोकने, मीटर रीडिंग करने तथा लाइन लॉस की तहकीकात करने वाले स्टाफ की सुरक्षा कैसे खतरे में पड़ी हुई है
उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी की घटनायें बढ़ती ही जा रही हैं। विशेष रूप से मुफ्त बिजली लेना या कटिया डाल कर बिजली चुराना ग्रामीण क्षेत्रों में मौलिक अधिकार समझा जाने लगा है। किसानों की जो यूनियन बिजली चोरों को जितना संरक्षण दें, उतनी ही वह लोकप्रिय होगी। अब तो बिजली के मीटर उखाड़ कर जमा करने का अभियान भी चल पड़ा है।
बिजली चोरी रोकने गये स्टाफ को प्रताड़ित करने का एक सर्वमान्य फार्मूला है कि उन पर गलत बिल बनाने, किसान से अभद्रता करने और पैसे मांगने का आरोप लगा दो और विद्युत गृह का घेराव करके बिजली विभाग के इंजीनियर, एस.डी.ओ, जे.ई. या जो भी मिले उसे जबरदस्ती धूप में बैठा दो ।
इस स्थिति के लिए अराजकतत्वों से ज्यादा दोषी वोट बटोरने वाले नेता हैं। वोट हासिल करने के लिए अपने कर्मचारियों को पिटवाना व बेइज्जत कराना कहाँ तक जायज है? सभी नेता दिल पर हाथ रख सोचें। यदि विशेष वर्ग के लोग बिजली चुराने और स्टाफ को पीटने के हकदार है तो कस्बों व शहरों के उपभोक्ताओं को भी यह छूट मिलनी चाहिये।
इससे पहले कि हालात बद से बदतर हो जायें, शासन को कठोर से कठोर कदम उठा लेने चाहियें।
गोविन्द वर्मा
Next Story