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- चीन पर चार निगाहें

क्वाड मंच पर शीर्ष नेताओं के विमर्श और अमरीका के 'इंडो-पेसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क' के दो मायने तय हैं। एक तो चीन पर चार मित्र-देशों की निरंतर निगाहें और दूसरा चारों देशों के बीच आपसी आर्थिक सहयोग। भारत भी इस फ्रेमवर्क का पक्षधर है, यह प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट कर दिया है। भारत का इससे जुड़ना तय है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा के साथ-साथ इसके आर्थिक आयामों पर भी भारत अमरीका, जापान और ऑस्टे्रलिया के साथ विमर्श करता रहा है और इस बैठक में भी करेगा। क्वाड के मंच पर अमरीकी राष्ट्रपति जोसेफ बाइडेन, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा मौजूद हैं। चूंकि ऑस्टे्रलिया में नेतृत्व परिवर्तन हुआ है और एंथनी अल्बनीस नए प्रधानमंत्री चुने गए हैं। वह क्वाड बैठक के बाद ऑस्टे्रलिया के हिस्से का कार्यक्रम तय करेंगे, लेकिन वह हिंद-प्रशांत क्षेत्र के आर्थिक फ्रेमवर्क के प्रयास का आगाज जरूर करेंगे। क्वाड एशिया और उसके बाहर की दुनिया का एक महत्त्वपूर्ण रणनीतिक मंच है। बुनियादी सहमति यह है कि हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में चीन की नौसैनिक और कारोबारी गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जाए और चीन की सक्रियता को समझा जाए। चीन हिंद महासागर, प्रशांत महासागर और साऊथ चाइना सागर में अपना वर्चस्व कायम करने की रणनीतियां बनाता रहा है, कोशिशें भी जारी रखी हैं।
सोर्स- divyahimachal
