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Written by जनसत्ता: बुखार से पीड़ित मरीजों की जांच करने पर अधिकतर मरीज डेंगू से संक्रमित पाए जा रहे हैं। यह बेहद चिंता का विषय है कि जितने भी डेंगू के मरीज अस्पताल जा रहे हैं, उनमें से दस फीसद को आइसीयू की जरूरत पड़ रही है। मेरा मानना है कि दिल्ली में केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार एवं नगर निगम प्रशासन को अपने सभी अस्पतालों ने डेंगू के प्रकोप से निपटने के लिए विशेष इंतजाम करने होंगे। अस्पतालों में समुचित इलाज का प्रबंधन सरकार की जिम्मेदारी है।
जागरूकता अभियान के तहत डेंगू से बचाव के लिए भी गंभीर प्रयास करने होंगे। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सभी अस्पतालों में आपातकालीन बिस्तरों की संख्या बढ़ाने से मदद मिल सकती है, जिससे कई जानें बचाई जा सकती हैं। दिल्ली में जेजे क्लस्टर, झुग्गी बस्तियां और ग्रामीण इलाकों में कूड़ा निस्तारण प्रबंधन को मजबूत करना होगा, सीवर व्यवस्था को दुरुस्त करना होगा, गंदा पानी सड़कों पर न फैले, इसकी जिम्मेदारी नागरिक निकायों को लेनी होगी, ताकि मच्छर की उत्पत्ति को रोका जा सके।
इसके साथ-साथ यहां की आम जनता को भी सावधानी बरतनी होगी और जिम्मेदारी लेनी होगी। जागरूकता के अभाव में डेंगू गंभीर बीमारी बन जाती है। इसलिए सरकारी मशीनरी को डेंगू के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए हर संभव उपाय करने होंगे, भले ही इसके लिए कुछ टालने लायक काम को आगे बढ़ा दिया जाए। सेहत और जान सुरक्षित रखना सबकी प्राथमिकता होनी चाहिए।
सोशल मीडिया आज की जरूरत है, लेकिन इसके माध्यम से साइबर अपराधी ठगी को अंजाम दे रहे हैं। लड़की के नाम से फर्जी आइडी बनाना, आनलाइन नौकरी के लिए लिंक पोस्ट करने समेत कई तरह के जाल फैलाकर सोशल मीडिया के माध्यम से ठगी की जाती है। इससे बचने की आवश्यकता है।
इस तरह के अपराध से निबटने के लिए सरकार को भी सख्त नियम बनाना चाहिए। साथ ही लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है। उन्हें किसी लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए और पासवर्ड व आइडी किसी के साथ साझा करने की आवश्यकता नहीं है।