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- कब तक कांग्रेस पार्टी...
अजय झा। सोच कर भी बुरा लगता है कि भारत की आज़ादी के बाद जिस पार्टी की केंद्र में सरकार लगभग 57 वर्षों तक रही हो, अब उसका भविष्य क्षेत्रीय और छोटे दलों के रहमो करम पर है. शुक्रवार को एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार (NCP Chief Sharad Pawar) और शनिवार को शिवसेना (Shiv Sena) के सांसद और प्रवक्ता संजय राउत (Sanjay Raut) बीजेपी (BJP) के खिलाफ प्रस्तावित विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस पार्टी की भूमिका के बारे में बोलते दिखे. यह अलग बात है कि जब पवार की अध्यक्षता में आठ विपक्षी दलों की मंगलवार को मीटिंग हुई तो उसमे कांग्रेस पार्टी (Congress Party) को आमंत्रित भी नहीं किया गया था. साफ़ है कि उस मीटिंग में निर्णय लिया गया कि चाहे कांग्रेस पार्टी की हालत कितनी ही ख़राब हो गयी हो, उसे साथ लेकर चलना ही बुद्धिमानी होगी. पवार ने इसे जरूरी बताया पर हकीकत में यह उन दलों की मजबूरी है, क्योंकि केंद्र में अभी भी कांग्रेस पार्टी सबसे बड़ा विपक्षी दल है.