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- कब तक जयपुर के चूड़ी...
जयपुर के एक चूड़ी कारखाने में अवैध और अमानवीय परिस्थितियों में काम करते हुए बिहार के तीन बच्चे इसी हफ्ते मुक्त कराये गये हैं. यह इन बच्चों को मुक्त कराने की पहली या इकलौती घटना नहीं है. लगभग हर महीने किसी न किसी स्वयंसेवी संस्थाओं की सूचना पर इन चूड़ी कारखानों में काम करते बच्चों को वहां की पुलिस मुक्त कराती है, उनमें ज्यादातर बच्चे बिहार के होते हैं. छह से 14 साल की उम्र के इन बच्चों को उन कारखानों में बेहद अमानवीय परिस्थितियों में 12-14 घंटे तक काम कराया जाता है और काम न करने पर इनके से बहुत सख्ती से मारपीट भी की जाती है. बिहार के गरीब परिवार के ये बच्चे पहले भी काम करने गया भेजे जाते थे, मगर कोरोना काल में ऐसे बच्चों के जयपुर भेजे जाने की गति काफी तेज हो गयी है, क्योंकि एक तो लंबे समय से स्कूल बंद रहने की वजह से इनकी पढ़ाई छूट गयी है, फिर लॉक डाउन की वजह से बेरोजगार हुए इन बच्चों के माता-पिता अपने बच्चों को वहां भेजने के लिए मजबूर हैं.