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- फ्लाइंग सिख : संघर्ष...
आदित्य चोपड़ा | फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह का एक महीने तक कोरोना संक्रमण से जूझने के बाद निधन हो जाने से भारत ने एक ऐसा व्यक्तित्व खो दिया जिसने गुलाम भारत में जन्म लेकर भारतीयों को मैदान पर जीतना सिखाया। राष्ट्र उन्हें हमेशा याद रखेगा। पांच दिन पहले ही उनकी पत्नी निर्मला मिल्खा सिंह का निधन भी कोरोना संक्रमण से ही हुआ था। वह भी भारतीय महिला वाॅलीबाल टीम की कप्तान रहीं। 1929 में अविभाजित भारत में जन्में मिल्खा सिंह की कहानी जीवटता की कहानी है। एक ऐसा शख्स जिसने विभाजन की त्रासदी को झेला, दंगों में बाल-बाल बचा, जिसने दंगों में माता-पिता और भाई-बहनों को खो दिया। जिसके बाद ये शरणार्थी बनकर दिल्ली आ गए। वे लाहौर से ट्रेन के जनता डिब्बे में बर्थ के नीचे छुपकर दिल्ली पहुंचे। पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के सामने बने ढाबों में बर्तन भी साफ किए ताकि कुछ खाने को मिल सके।