- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- राहत की उड़ान
![राहत की उड़ान राहत की उड़ान](https://jantaserishta.com/h-upload/2022/03/10/1536116-56.webp)
Written by जनसत्ता: इस महीने की सत्ताईस तारीख से नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाएं शुरू करने का एलान कर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। लोगों को लंबे समय से इस बात का इंतजार था कि कब नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू हों और वे अपनों से मिलने आ-जा सकें। पिछले दो साल से विदेशी उड़ानों का सामान्य परिचालन बंद रहने से लोग दूसरे देशों से भारत में अपने घर न तो आ पा रहे हैं, न ही विदेश में रह रहे अपने परिजनों के पास जा पा रहे हैं।
अब सत्ताईस मार्च से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें वैसे ही संचालित होंगी, जैसे महामारी के पहले हो रही थीं। गौरतलब है कि कोरोना महामारी के बाद तेईस मार्च 2020 से ही विदेशी उड़ानें बंद हैं। ऐसा महामारी को फैलने से रोकने के लिए उठाए गए सख्त कदमों के तहत करना पड़ा था। पाबंदी लगने से पहले दूसरे देशों से आने वाले यात्रियों की हवाईअड्डों पर कोई जांच नहीं हो रही थी और कई देशों से संक्रमित लोग भारत आ गए थे। हालांकि अमेरिका और ब्रिटेन सहित दुनिया के सैंतीस देशों के साथ समझौते के मुताबिक 'एअर ट्रांसपोर्ट बबल' व्यवस्था की गई थी, ताकि आपात स्थितियों और मामलों में लोग आ-जा सकें। पर और देशों में आना-जाना मुश्किल बना हुआ था।
अब न सिर्फ भारत में, बल्कि दुनिया के ज्यादातर देशों में कोरोना संक्रमण के मामले काफी घट गए हैं। सभी देशों में महामारी से पहले वाली सामान्य स्थितियां लगभग बहाल हो चुकी हैं। ज्यादातर देशों में टीकाकरण का काम भी करीब-करीब पूरा हो ही चुका है। भारत में भी आबादी के बड़े हिस्से का टीकाकरण हो चुका है। जैसा कि दावा किया जा रहा है, सनतानबे करोड़ लोगों को एक खुराक और अस्सी करोड़ लोगों को टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी है। एक करोड़ छियानबे लाख लोगों को तीसरी खुराक यानी बूस्टर डोज दे दी गई है।
बच्चों और किशोरों के टीकाकरण का काम जोरों पर है ही। यानी भारत की आबादी का बड़ा हिस्सा अब संक्रमण के खतरे से बाहर है। इसीलिए अब सभी राज्यों ने उन पाबंदियों को हटा लिया है जो महामारी से बचाव के लिए लंबे समय तक लगी रही थीं। घरेलू उड़ान सेवाएं चल ही रही हैं। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाओं को और बंद रखने का कोई कारण नजर नहीं आता है। हालांकि सरकार ने पिछले साल पंद्रह दिसंबर से ही नियमित विदेशी उड़ानें शुरू करने का फैसला किया था, पर तब ओमीक्रान के बढ़ते मामलों की वजह से इसे टाल दिया गया था।
नियमित विदेशी उड़ानें बंद रहने से विमानन और पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। इनसे जुड़े सेवा क्षेत्र के दूसरे कारोबार भी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। ऐसे में अब नियमित उड़ानें शुरू होने के बाद इन क्षेत्रों में तेजी आने के आसार बनेंगे। विमानन कंपनियां मार्च से ही विदेशी उड़ानों के पैकेज टूर बनाना शुरू कर देती हैं। ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि इस साल गर्मियों में पर्यटन और विमान क्षेत्र में रौनक लौट सकेगी।
दो साल से विदेशी उड़ानें बंद रहने से इन क्षेत्रों को करीब पैंसठ अरब डालर का नुकसान उठाना पड़ा है। दिक्कत यह भी है कि अभी एअर बबल व्यवस्था के तहत जो उड़ानें संचालित हो रही हैं, उनका किराया भी काफी ज्यादा है और ये सिर्फ सैंतीस देशों तक ही सीमित है। नियमित उड़ानें शुरू होने के बाद दुनिया में कहीं भी आना-जाना पहले की तरह सामान्य हो जाएगा और किराए में भी कमी आएगी।