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- बुखार का आतंक
हरियाणा के पलवल इलाके के गांव चिल्ली में विगत दस दिनों में आठ बच्चों की मौत न केवल दुखद, बल्कि चिंताजनक है। जो बच्चे बुखार के चलते काल के गाल में समा गए, उनकी उम्र 14 साल से कम है। खास पलवल से बीस किलोमीटर दूर स्थित इस गांव में 25 से ज्यादा टीमों ने डेरा डाल रखा है। बच्चों में लक्षण तो डेंगू के दिखे हैं, लेकिन डॉक्टर अभी तक पुष्टि नहीं कर सके हैं। बुखार का कहर यह गांव करीब तीन सप्ताह से झेल रहा है। आम तौर पर इस मौसम में मौसमी बीमारियों का प्रकोप होता है और लोग भी मानसिक रूप से इसके लिए तैयार रहते हैं, लेकिन जब कोई बुखार सप्ताह भर का समय भी न दे, तो परिजन या चिकित्सक का चिंतित होना वाजिब है। यह चिंता विश्व स्वास्थ्य संगठन तक भी पहुंच गई है। कोई आश्चर्य नहीं कि डॉक्टरों और अधिकारियों ने गांव में डेरा डाल दिया है और निमोनिया से लेकर मच्छर जनित रोगों तक तमाम आशंकाओं को टटोला जा रहा है। इस गांव में साफ-सफाई की भी समस्या बताई जा रही है, जो स्थानीय जन-प्रतिनिधियों और अधिकारियों के लिए शर्म की बात होनी चाहिए।