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- त्योहारी छुट्टियां
त्योहारी मौसम में स्कूली शिक्षा को विराम देकर राज्य सरकार ने उस आंकड़ेबाजी को भी संबोधित किया है, जिसमें कोविड मामलों के कसूरवार खोजने की मुहिम जारी थी। दिवाली तक आठ दिन की छुट्टियां अपने आप में एहतियाती कदम होने के साथ-साथ इस पर्व को मनाने की आचार संहिता भी है। यह इसलिए भी कि जबसे स्कूल खुले थे, छात्रों के पॉजिटिव होने के मामले भी देखे गए, लेकिन अब तक आए 606 पॉजिटिव मामलों में से आधे ठीक भी हो चुके हैं। ऐसे में बहस और आशंका में यह अंतर तो करना होगा कि स्कूली शिक्षा पर यूं ही तलवार न लटकाई जाए। दुर्भाग्यवश सरकार की चुनौती जब सोशल मीडिया की लिखावट बन जाए, तो फैसलों की दरकार में अवांछित कदम भी उठ जाते हैं। ऐसे में वर्तमान छुट्टियों का समारोह अपने आप में बिना लाग लपेट यह कह रहा है कि सर्दियों के शुरुआती सफर में स्कूल इस त्योहारी मौसम की अवहेलना न करें। चाहे स्कूल हों, चुनावी सरगर्मियां हों, शादी समारोह हों या बाजार में बढ़ती रौनक, कोविड प्रोटोकॉल की अवहेलना कतई नहीं होनी चाहिए। अभी स्कूल पूरी तरह नहीं खुले हैं और पांचवीं से सातवीं कक्षा तक छात्रों को वापस बुलाने का निर्णय होना है, फिर भी सतर्क फैसलों की निगहबानी हो रही है। तुलनात्मक दृष्टि से हिमाचल का शिक्षा विभाग एक सीमा के भीतर ही शिक्षा के द्वार खोलता रहा है, लेकिन इसके दूसरे अक्स में छात्र, अभिभावक व शिक्षकों की मानसिक स्थिति का अवलोकन भी जरूरी है।
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