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भारत के स्टार स्पिनर रविचंद्रन अश्विन का शख्सियत में एक अजीब सा अक्खड़पन रहा है
भारत के स्टार स्पिनर रविचंद्रन अश्विन का शख्सियत में एक अजीब सा अक्खड़पन रहा है. उनकी छवि ऐसी बन गई है कि वो हर लड़ने के लिए उतारू रहते हैं. जीतने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहते हैं. याद है आपको 2019 में आईपीएल में अश्विन ने जॉस बटलर को क्रीज से बाहर निकलने पर मांकड़ आउट कर दिया था और उसे लेकर विवाद भी खड़ा हो गया था. इसको लेकर उनके मन में कभी कोई संशय या पछतावा नहीं रहा है. बाद में उन्होंने कहा कि उनकी गेंदबाजी के वक्त अगर कोई भी बैट्समैन अपनी क्रीज से बाहर गया तो वो उसे फिर मांकड़-आउट कर देंगे.
पिछले आईपीएल में भी कोलकाता के खिलाफ एक अतिरिक्त चुराने के लिए टिम साउदी और ऑयन मार्गन से उलझ पड़े थे. इयॉन मॉर्गन ने क्रिकेट के नियमों के दायरे में रहने की नसीहत दी तो जवाब में अश्विन ने एक के बाद एक 6 ट्वीट कर उन पर निशाना साधा. रविचंद्रन अश्विन की कप्तान और कोच से तल्खी की खबर आती रही हैं. अब इन खबरों पर अश्विन ने खुद कई अहम खुलासे किए हैं. ये तमाम विस्फोटक बातें अश्विन ने espncricinfo.com को दिए एक इंटरव्यू में किए हैं. उनके निशाने पर हैं भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व रवि शास्त्री. बात 2018-19 के ऑस्ट्रेलिया दौरे की है.
अश्विन खुद को हाशिए पर पा रहे थे. उन्हें लगा कि उनकी अनदेखी हो रही है. उन्हें बस के नीचे फेंक दिया गया है. वे बहुत हताश महसूस कर रहे थे और बुरी तरह से टूटा चुके थे. अश्विन ने खुलासा किया है कि वो संन्यास लेने तक की सोचने लगे थे. सिडनी में खेला गया सीरीज का चौथा टेस्ट ड्रॉ रहा था और भारत ने 72 साल में पहली बार ऑस्ट्रेलिया में 2-1 से टेस्ट सीरीज पर कब्जा किया. सिडनी में मिस्ट्री स्पिनर कुलदीप यादव ने पहली पारी में 5 विकेट लिए थे. मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में तब के कोच रवि शात्री ने कहा. रवि शास्त्री ने बात तो दो ही पंक्तियों में कही थी लेकिन उसका मतलब बहुत बड़ा था. इतना बड़ा कि भारत के नंबर-1 स्पिनर माने जा रहे रविचंद्रन अश्विन अंदर तक हिल गए.
अश्विन की बातों से पता चलता है कि वे भले ही ऊपर से रुखे-रुखे से हैं लेकिन अंदर से भावुक हैं. इस मानसिक स्थिति में सीरीज जीत की जश्न में शामिल होना उनके लिए आसान नहीं था. उस सीरीज में अश्विन ने सिर्फ पहला टेस्ट खेला था. 35 साल के अश्विन ने कहा कि मैच में वे दर्द के साथ खेलते रहे. दोनों पारियों में 3-3 विकेट लिए और भारत ने 31 रन से एडिलेड टेस्ट जीतकर सीरीज में 1-0 से बढ़त बनायी लेकिन उन्हें सुनने को मिला-तो क्या हुआ, नेथन लायन ने 6 विकेट लिए. रवि अश्विन का कहना है कि अपनी चोट के कारण पहले से ही निराश था. इसलिए भी क्योंकि उनके अनुसार वे लय में थे.
लायन से तुलना के बाद निराशा और बढ़ गयी और सीरीज के बाद उन्हे लगा कि जीत में उनकी कोई भूमिका ही नहीं थी. इंग्लैंड के खिलाफ पिछली सीरीज में उन्हें एक टेस्ट में भी मौका नहीं दिया गया. रवि शास्त्री के जाने के बाद न्यूजीलैंड के साथ सीरीज में वे खेल पाए और दिखाया कि वे आज भी मैच निवकर हैं. आंकड़ों की बात करें तो अश्विन भारत के सबसे सफल गेंदबाज हैं. अब तक उन्होने टेस्ट में 427 विकेट लिए हैं. अनिल कुंबले और कपिलदेव के बाद भारत के सबसे कामयाब गेंदबाज हैं. दक्षिण अफ्रीका में 3 टेस्ट सीरीज शायद उनके करियर के लिए सबसे अहम साबित होने जा रहे हैं. आलोचक ताक लगाकर बैठे हुए हैं. उनमें रवि शास्त्री भी शामिल हैं.
संजय किशोर एनडीटीवी में स्पोर्ट्स एडिटर हैं...
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) :इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति जनता से रिश्ता उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार जनता से रिश्ता के नहीं हैं, तथा जनता से रिश्ता उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.
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