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- तीसरी लहर की आशंका:...
भूपेंद्र सिंह| कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के बीच प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर के आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करते हुए पर्वतीय क्षेत्रों के पर्यटन स्थलों एवं बाजारों में मास्क न लगाने और शारीरिक दूरी का पालन करने में हीलाहवाली का परिचय दिए जाने पर जो चिंता व्यक्त की, उस पर गंभीरता से ध्यान दिए जाने की जरूरत है। यह जरूरत इसलिए बढ़ गई है, क्योंकि कोरोना से बचाव के उपायों की अनदेखी के चलते संक्रमण की तीसरी लहर आने की आशंका गहराती जा रही है। एक आकलन तो यह भी है कि तीसरी लहर पहले ही शुरू हो चुकी है। पता नहीं यह आकलन कितना सटीक है, लेकिन यह चिंताजनक है कि महाराष्ट्र और केरल के हालात संतोषजनक नहीं दिख रहे हैं। इन दोनों राज्यों के साथ पूर्वोत्तर के राज्यों में भी कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी न आना चिंता का विषय है। प्रधानमंत्री ने यह सही कहा कि लोग यह तो पूछ रहे हैं कि तीसरी लहर से निपटने की क्या तैयारी है, लेकिन इस पर गौर नहीं कर रहे कि इस लहर से बचने के लिए क्या करने की जरूरत है? नि:संदेह पर्यटन स्थलों में जाने की मनाही नहीं है, लेकिन यह भी नहीं कहा गया कि इन स्थलों में किसी तरह की सावधानी बरतने की आवश्यकता नहीं है। यह ध्यान रहे कि तीसरी लहर को रोकने अथवा उसे शिथिल करने में सफलता तब मिलेगी जब सरकारों को आम जनता का सहयोग मिलेगा।