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- पंजाब सरकार की विफलता...

पंजाब में बहुत मुश्किल से पाकिस्तान की साजि़श को नाकाम करते हुए शांति स्थापित हुई थी। लेकिन अराजकता के उस दौर में इस शांति स्थापना के लिए हज़ारों लोगों को अपने प्राणों का बलिदान देना पड़ा था। पंजाब को पुनः अशांति के दौर में धकेलने के लिए तत्पर बैठी देसी और विदेशी शक्तियां न तो चुप बैठी थीं और न ही चुप बैठ सकती थीं। वे केवल उचित सरकार की प्रतीक्षा कर रही थीं। इसकी चेतावनी पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने अनेक बार दी भी थी। विधानसभा के चुनाव के समय कुछ लोगों को ऐसा संशय भी था कि अराजकतावादी शक्तियां जिस उचित सरकार की प्रतीक्षा कर रही थीं, वह आम आदमी पार्टी की ही सरकार थी। लेकिन अकाली पार्टी और सोनिया कांग्रेस से लोग इतने त्रस्त हो चुके थे कि वे आकाश से गिरकर खजूर में भी अटकने को तैयार हो गए थे। और लगता है पंजाब सचमुच खजूर में अटक गया है। यह तब होता है जब सरकार जनहित व राष्ट्र हित की बजाय दलहित को ध्यान में रखना शुरू कर देती है। आम आदमी की अवधारणा है कि पंजाब में अपराधियों के गैंग पैदा करने और उन्हें प्रश्रय देने के लिए अकाली दल जि़म्मेदार है। इनकी उत्पत्ति भी कहीं न कहीं पंजाब के नशा माफिया से जुड़ी हुई है। कांग्रेस ने अपने राज में नशा तस्करों व गैंग कल्चर को नियंत्रित करने की बजाय उससे अपने दलहित साधने शुरू कर दिए।
सोर्स - divyahimachal
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