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- बिजली संकट का सामना...
बीते समय बरसात में कोयले की खदानों में पानी भरने से अपने देश में कोयले का उत्पादन कम हुआ था। बिजली का उत्पादन भी कम हुआ और कई शहरो में पॉवर कट लागू किए गए। फिलहाल बरसात के कम होने से यह संकट टल गया है। लेकिन यह केवल तात्कालिक राहत है। हमें इस समस्या के मूल कारणों का निवारण करना होगा अन्यथा इस प्रकार की समस्या बार-बार आती रहेगी। वर्तमान बिजली संकट के तीन कथित कारणों का पहले निवारण करना जरूरी है। पहला कारण बताया जा रहा है कि कोविड संकट के समाप्तप्राय हो जाने के कारण देश में बिजली की मांग बढ़ गई है जिसके कारण यह संकट पैदा हुआ है। यह स्वीकार नहीं है क्योंकि अप्रैल से सितंबर 2019 की तुलना में अप्रैल से सितंबर 2021 में कोयले का 11 फीसदी अधिक उत्पादन हुआ था। इसी अवधि में देश का जीडीपी लगभग उसी स्तर पर रहा। यानी कोयले का उत्पादन बढ़ा और आर्थिक गतिविधि पूर्व के स्तर पर रही। इसलिए बिजली का संकट घटना चाहिए था, न कि बढ़ना चाहिए था जैसा कि हुआ है। दूसरा कारण बताया जा रहा है कि कोयले के खनन में बीते कई वर्षों में निवेश कम हुआ है। बिजली उत्पादकों का रुझान सोलर एवं वायु ऊर्जा की तरफ अधिक हो गया है।