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- लापरवाही की हद
देश में एक बार फिर कोरोना की नई लहर ने कैसी चुनौतियां खड़ी कर दी हैं, यह छिपा नहीं है। इसे लेकर सरकार की ओर से सावधानी बरतने और संक्रमण पर काबू पाने के लिए तमाम चौकसी बरती जा रही हैं। आम लोगों के लिए भी कई तरह की हिदायतें जारी की गई हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से देश के अलग-अलग हिस्सों से आम लोगों की ओर से बचाव के इंतजामों को लेकर व्यापक कोताही के मामले सामने आ रहे हैं। जबकि हालत यह है कि कुछ राज्यों में संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए कहीं रात का कर्फ्यू तो कहीं चरणबद्ध रूप से पूर्णबंदी को लागू करने की नौबत आ गई है। खासतौर पर महाराष्ट्र में कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों ने चिंता की नई लहर पैदा कर दी है और उससे निपटने के लिए बचाव के इंतजामों के संदर्भ में बहुस्तरीय सख्ती की घोषणा की गई है। मगर विडंबना यह है कि इसके बावजूद बहुत सारे लोगों को इन नियम-कायदों पर अमल करना जरूरी नहीं लग रहा है और वे परंपरा या आस्था के नाम पर होने वाले आयोजनों में महामारी से बचाव के सभी उपायों को धता बता रहे हैं।