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- बेनकाब बंगाल सरकार:...
भूपेंद्र सिंह | कलकत्ता उच्च न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार को चुनाव बाद हिंसा की सभी शिकायतों को प्राथमिकी के रूप में दर्ज करने का आदेश देकर ममता सरकार के इस झूठ की पोल खोल दी कि उनके राज्य में कहीं कोई हिंसा नहीं हुई। कलकत्ता उच्च न्यायालय का फैसला यह भी बताता है कि बंगाल पुलिस ने पीड़ितों की शिकायतों को सुनने से इन्कार किया। देश के राजनीतिक इतिहास में यह शायद पहली बार है जब किसी राज्य सरकार ने अपने ही लोगों के दमन, उत्पीड़न और पलायन का संज्ञान लेने से इन्कार करने के साथ यह झूठ भी फैलाया हो कि ऐसा कुछ नहीं हुआ। यह अच्छा है कि कुछ देर से सही, ममता सरकार हिंसा की इन भयानक घटनाओं पर पर्दा डालने की जो बेशर्म कोशिश कर रही थी, उसमें नाकाम भी हुई और बेनकाब भी। सबसे शर्मनाक यह रहा कि बंगाल पुलिस भी ममता सरकार के झूठ का साथ देती हुई नजर आई। बंगाल पुलिस के अधिकारियों को इससे लज्जित होना चाहिए कि उन्होंने हिंसा पीड़ित लोगों की मदद करने के बजाय उनकी उपेक्षा की। वास्तव में उन्होंने बिलकुल तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की तरह व्यवहार किया। जिस राज्य की पुलिस सत्तारूढ़ दल के दास की तरह व्यवहार करे, उससे कोई उम्मीद नहीं की जा सकती।