सम्पादकीय

भ्रष्टाचार के खिलाफ अनुकरणीय कार्रवाई

Rani Sahu
26 May 2022 6:30 PM GMT
भ्रष्टाचार के खिलाफ अनुकरणीय कार्रवाई
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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने वह काम कर दिखाया है

वेदप्रताप वैदिक

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने वह काम कर दिखाया है, जो कोई नहीं कर सका। क्या आपने सुना है कि किसी मंत्री को उसके अपने मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त ही नहीं किया बल्कि गिरफ्तार करवा दिया? मुख्यमंत्री मान ने अपने स्वास्थ्य मंत्री डॉ विजय सिंगला के खिलाफ ऐसी सख्त कार्रवाई की है, जिसका अनुकरण देश के हर मुख्यमंत्री को करना चाहिए।
सिंगला और उसके ओएसडी प्रदीपकुमार को इसलिए गिरफ्तार किया गया कि उन दोनों ने किसी ठेकेदार से 2 प्रतिशत रिश्वत मांगी। 58 करोड़ रुपए के काम में यह रिश्वत बनती है 1 करोड़ 16 लाख रुपए। ठेकेदार ने मुख्यमंत्री से शिकायत कर दी। यह शिकायत 21 अप्रैल को की गई थी। मुख्यमंत्री ने इस मंत्री पर निगरानी बिठा दी। जब सिंगला को बुलाकर पूछताछ की गई तो उसने भगवंत मान के सामने रिश्वत की बात कबूल कर ली।
प्रायः रिश्वतखोर नेता ऐसी बातों को कबूल करने से मना करते हैं और उन्हें किसी बहाने के आधार पर मंत्रीपद से हटा दिया जाता है। लेकिन असली सवाल यह है कि देश में कितने ऐसे नेता हैं, जो यह दावा कर सकें कि सत्ता में रहते हुए उन्होंने कभी रिश्वत नहीं ली है? ये बात अलग है कि कई बार लोग कुछ काम करवाने के लिए रिश्वत देने को मजबूर होते हैं और कई बार लोग रिश्वत को नजराने के तौर पर देते रहते हैं ताकि काम पड़ने पर उस रिश्वतखोर की मदद ली जा सके।
सारी दुनिया की राजनीति का चरित्र ही ऐसा बन गया है कि रिश्वत के बिना उसका काम चल ही नहीं सकता। वे भाग्यशाली हैं, जो जेल जाने से बच गए हैं। अफसरों की रिश्वतखोरी के कई मामले अभी भी सामने आ रहे हैं लेकिन ये तो फूल-पत्ते भर हैं। यदि नेता ईमानदार हों तो किसी अफसर की क्या हिम्मत कि वह रिश्वत लेने की इच्छा भी करे।

सोर्स- lokmatnews

Rani Sahu

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