सम्पादकीय

हर किसी को यह सोचना होगा कि पानी बचाने में उसकी भूमिका क्या हो सकती है?

Rani Sahu
14 July 2022 3:03 PM GMT
हर किसी को यह सोचना होगा कि पानी बचाने में उसकी भूमिका क्या हो सकती है?
x
पंजाब में गिरते भूजल स्तर को लेकर चिंता तो बहुत व्यक्त की जा रही है

सोर्स- Jagran

पंजाब में गिरते भूजल स्तर को लेकर चिंता तो बहुत व्यक्त की जा रही है, लेकिन इसे रोकने के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयास सफल नहीं हो रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण किसानों और सरकार दोनों में इच्छाशक्ति की कमी है। नेशनल ग्रीन टिब्यूनल की टीम के अनुसार पंजाब के पास केवल 17 वर्षो का पानी बचा है, यह बहुत ही गंभीर मामला है। यदि हम अभी नहीं चेते तो आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी। किसानों को बार-बार समझाने, जागरूक करने के बाद भी वे धान का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं।
प्रदेश में सबसे ज्यादा भूजल का दोहन धान की खेती के लिए किया जाता है। किसान फसल खरीद की गारंटी के कारण धान का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं। इतना ही नहीं, सरकार एवं कृषि विभाग के अधिकारियों ने सीधी बिजाई के लिए इस बार किसानों को प्रेरित किया, लेकिन इसका परिणाम संतोषजनक नहीं रहा। 30 लाख एकड़ में धान की सीधी बिजाई का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन दो लाख एकड़ में भी सीधी बिजाई नहीं हुई।
मुख्यमंत्री भगवंत मान की ओर से भी इस संबंध में किसानों से आह्वान किया गया था। दरअसल किसान ज्यादा पैदावार के चक्कर में सीधी बिजाई नहीं करते हैं। हालांकि कई किसानों का यह कहना है कि सीधी बिजाई से पैदावार कम नहीं होती है, जबकि इसमें पानी की बहुत बचत होती है। किसानों की जिद भी कुछ हद तक भूजल स्तर के तेजी से नीचे जाने के लिए जिम्मेदार है। सरकार की ओर से धान की रोपाई की तारीख तय किए जाने के विरोध में किसानों ने मोर्चा खोल दिया। बाद में किसानों के दबाव में सरकार को झुकना पड़ा और निर्धारित तारीख में बदलाव किया गया। यह अच्छी बात नहीं है। यदि भूजल की चिंता नहीं की गई और लगातार इसका स्तर नीचे जाता रहा तो पंजाब मरुस्थल बन जाएगा।
Rani Sahu

Rani Sahu

    Next Story