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- पूंजी के प्रभाव में...
कोविड-19 की विश्वव्यापी महामारी ने पूंजी को भी खुलकर खेलने की छूट दे दी है। ऐसे में विज्ञान सम्मत, समझदारी की सलाहें दबाई जा रही हैं और मुनाफे की खातिर गैर-जरूरी दवाएं, इलाज और ताने-बाने को तरजीह दी जा रही है। तो फिर महामारी से निपटने के लिए किन बातों पर ध्यान दिया जाना चाहिए? इस आलेख में इस विषय पर प्रकाश डालने की कोशिश करेंगे। विश्व स्तर पर हाल के वर्षों में जितनी चिंता व अस्थिरता कोविड-19 के संदर्भ में देखी गई है, वह हाल के अनेक दशकों के इतिहास में अभूतपूर्व है। इस संदर्भ में यह सवाल विश्व के लगभग सभी क्षेत्रों में उठ रहे हैं कि कोविड-19 का सामना बेहतर ढंग से कैसे किया जाए व इससे होने वाली क्षति को कैसे न्यूनतम किया जाए। इसके लिए जरूरी है कि विश्व स्तर पर वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों की सबसे उत्कृष्ट राय सामने आ सके व उसके आधार पर तय नीति, विश्वास व सहयोग के माहौल को पूरी दुनिया में कार्यान्वित किया जा सके। यह सब लोकतांत्रिक माहौल में, लोकतांत्रिक भावना से होना चाहिए। दूसरे शब्दों में, सब तरह के विचारों को सुनना चाहिए व उन्हें वह स्थान मिलना चाहिए जिसके वे हकदार हैं। ऐसा न हो कि कुछ विचारों को जबरदस्ती बहुत तेजी से फैलाने का प्रयास किया जाए व कुछ विचारों को दबा दिया जाए।