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- घर के भीतर छिपे हुए...
राजीव सचान : एक समय सेनाध्यक्ष के रूप में जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि भारत ढाई मोर्चों पर युद्ध के लिए तैयार है। उनका इशारा चीन, पाकिस्तान के साथ-साथ भीतरी चुनौतियों से भी था। इन्हीं भीतरी चुनौतियों को आधा मोर्चा माना गया था। यह स्पष्ट है कि इनमें वे सारी ताकतें गिनी गई होंगी, जो आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बनती रहती हैं। जो भी हो, यह साफ है कि जब देश कोरोना संक्रमण की दूसरी खतरनाक लहर से बुरी तरह जूझ रहा था तो ऐसे अनेक तत्व सक्रिय हो गए, जिन्होंने कोविड महामारी से लड़ाई को और कठिन बना दिया। इनकी गिनती करना मुश्किल है, लेकिन इसमें दो राय नहीं कि वे शासन-प्रशासन के लिए सिरदर्द बन गए। कोई दवाओं की कालाबाजारी कर रहा था तो कोई आक्सीजन की। कोई नकली दवाएं बना और बेच रहा था तो कोई अन्य तरीकों से कोरोना मरीजों को ठगने-लूटने का काम कर रहा था। इनमें कुछ ऐसे अस्पताल भी शामिल थे, जो या तो कोरोना मरीजों के उपचार से कन्नी काट रहे थे या फिर उपचार के नाम पर लोगों को दोनों हाथों से लूट रहे थे। कुछ तत्व तो इतने दुस्साहसी थे कि नकली दवाएं बनाने के काम को कुटीर उद्योग की तरह चला रहे थे।
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