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- अराजकता को प्रोत्साहन:...
भूपेंद्र सिंह| कृषि कानून विरोधी आंदोलन के दौरान गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में देश को शर्मसार करने वाली हिंसा को अंजाम देने वालों के प्रति पंजाब सरकार की मेहरबानी हैरान करने वाली भी है और परेशान करने वाली भी। पंजाब सरकार इस हिंसा में शामिल तत्वों को न केवल कानूनी सहायता देने की तैयारी में है, बल्कि उन्हें आर्थिक सहायता देने का भी मन बना रही है। यह और कुछ नहीं अराजकता को प्रोत्साहन देने वाला काम है। इससे खराब बात और कोई नहीं कि अराजक तत्वों को कोई राज्य सरकार इस तरह पुरस्कृत करे। 26 जनवरी को कृषि कानूनों के विरोध के नाम पर दिल्ली में तथाकथित किसानों ने ट्रैक्टर रैली के नाम पर जैसी भद्दी हरकत की थी, उसे देश भूल नहीं सकता। इस पावन दिन दिल्ली में जो कुछ हुआ था, उसे हिंसा के नंगे नाच के अलावा और कुछ नहीं कहा जा सकता। इस घटना ने यही बताया था कि ट्रैक्टर रैली निकालने वालों के मन में न तो गणतंत्र दिवस के प्रति कोई मान-सम्मान था और न ही संविधान के प्रति। यह घटना इसीलिए हुई थी, क्योंकि किसान नेता अपनी जिद पर उतर आए थे। यह मानने के भी अच्छे-भले कारण हैं कि देश को नीचा दिखाने वाली यह घटना किसान नेताओं के उकसावे पर ही हुई थी।