सम्पादकीय

भावुक कर देने वाली कहानी

Gulabi
22 March 2021 6:28 AM GMT
भावुक कर देने वाली कहानी
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बीते हफ्ते सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में ये कहानी सामने आई

बीते हफ्ते सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में ये कहानी सामने आई। इस पर सरकार को जनमत के कठघरे में घिर जाना चाहिए था। जिस समय पांच राज्यों में चुनाव का माहौल है, सामान्यतः किसी सरकार के लिए इससे बड़ी मुसीबत खड़ी होती। लेकिन, चूंकि इन बुनियादी मुद्दों और राजनीतिक कथानक में कोई संबंध नहीं रह गया है, इसलिए ऐसा नहीं हुआ। कोर्ट ने चार हफ्ते का नोटिस दे दिया। कहा जा सकता है कि मामला तारीख दर तारीख में उलझ गया है।

बहरहाल, ये मामला एक याचिका से सामने आया। याचिका दायर करने वाली कोइली देवी ने अदालत को बताया कि सितंबर 2018 में उनकी 11 साल की बेटी संतोषी कुमारी की कई दिनों से खाना ना मिलने की वजह से मृत्यु हो गई थी। कोइली देवी का आरोप है कि उनके परिवार का राशन कार्ड आधार से लिंक ना होने की वजह से मार्च 2017 में रद्द हो गया, जिसकी वजह से उन्हें सरकार से मिलने वाला राशन नहीं मिल पा रहा था।

याचिका में अपने बेटी की मृत्यु के लिए मुआवजे के अलावा अलग अलग राज्यों में गरीबों के राशन कार्डों के रद्द होने और लोगों के भूख की वजह से मारे जाने की जांच की अपील की गई है।

कोइली देवी के वकील कोलिन गोंजाल्विस ने अदालत को बताया कि ऐसे लगभग तीन करोड़ राशन कार्ड हैं, जिन्हें आधार से लिंक ना होने की वजह से रद्द कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे 'बेहद गंभीर' मामला माना। उसने केंद्र को इस पर अपना जवाब देने के लिए कहा है।


तथ्य यह है कि भारत में करीब 23.58 करोड़ राशन कार्ड हैं, जिन्हें आधार नंबर से लिंक करवाना अनिवार्य कर दिया गया था। आज करीब 20 करोड़ कार्डों को आधार से जोड़ दिया गया है, लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में कई कार्ड आधार से जुड़ नहीं सके हैं। सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि आधार से जुड़ाव ना होने की स्थिति में राशन कार्ड रद्द नहीं होने चाहिए और मिलने वाला राशन मिलते रहना चाहिए।
लेकिन सामाजिक कार्यकर्ताओं का दावा है कि ऐसा हो नहीं रहा है। विशेष रूप से आदिवासी और दूर- दराज के इलाकों में पहले तो कई लोगों के पास आधार कार्ड है ही नहीं और जिनके पास हैं उनमें से कई लोगों की बायोमेट्रिक पहचान हो नहीं पाई है। जाहिर है, इस बीच कोइली देवी की बेटी जैसी कई घटनाएं हुई होंगी।
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