सम्पादकीय

सृजन का अमृतकाल

Triveni
16 Aug 2021 12:49 AM GMT
सृजन का अमृतकाल
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देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री ने लालकिले की प्राचीर से आठवीं बार राष्ट्र को सम्बोधित किया।

आदित्य चोपड़ा| देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री ने लालकिले की प्राचीर से आठवीं बार राष्ट्र को सम्बोधित किया। आज उन्होंने बहुत से विषयों को छुआ लेकिन उनके सम्बो​धन में एक आह्वान है कि यही वक्त है, जब देश खुद को नए सिरे से परिभाषित करता है, नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ता है। भारत की विकास यात्रा का समय आ चुका है। आजादी के अमृत महोत्सव को केवल एक समारोह तक सीमित नहीं किया जाना चाहिए। यह नए भारत के सृजन का अमृतकाल है। अगले 25 वर्षों में हमें ऐसे भारत का निर्माण करना है जहां सुविधाओं का स्तर गांव और शहर को बांटने वाला न हो, जहां नागरिकों के जीवन में सरकार बेवजह दखल न दे। उन्होंने अपने लोकप्रिय नारे सबका विकास, सबका विश्वास के साथ सबका प्रयास शब्द जोड़ कर राष्ट्र को आह्वान किया कि लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए हम सबको एकजुट होकर प्रयास करने होंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बेहतर ढंग से काम कर रही है तो इसका श्रेय उनके व्यक्तित्व और बौद्धिक कौशल को ही जाता है। उनके नेतृत्व ने देश की नींव को मजबूत बनाने का काम किया है और अब इस नींव पर शानदार इमारत बनने लगी है। इस मजबूत नींव में है सरकार की नीतियां, प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में सरकार की उपलब्धियों और नीतियों का उल्लेख किया लेकिन इस बात को स्वीकार करना ही पड़ेगा कि नरेन्द्र मोदी ने अपने राजनीतिक और बौद्धिक कौशल से ऐसी नीतियां और परियोजनाएं बनाईं, जिसमें लोगों की आकांक्षाएं पूरी हुईं। सात वर्ष में शुरू हुई अनेक परियोजनाओं का लाभ करोड़ों गरीबों तक पहुंचा है, चाहे वह उज्ज्वला योजना हो या आयुष्मान भारत। सरकार की बीमा पैंशन, आवास योजना या फिर जनधन खातों में लोगों को लाभ पहुंचा। कोरोना के कालखंड में हमारे सामने कई बड़ी चुनौतियां आईं, लेकिन प्रधानमंत्री ने लोगों का मनोबल बनाए रखा। विपक्ष लाख आलोचना करे लेकिन यह वास्तविकता है कि दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन कार्यक्रम चलाना आसान नहीं होता। कुछ अपवादों को छोड़ कर हमारे देशवासियों के साथ-साथ देश के वैज्ञानिकों और उद्यमियों ने असाधारण गति से काम किया। भारत के पास अपनी दो-दो वैक्सीन हैं।
प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर यह याद ​दिलाया कि विभाजन के दर्द को भुलाया नहीं जाना चाहिए। नई पीढ़ी को शायद विभाजन के दर्द का अहसास ही नहीं है। हमारे पूर्वज ही हमें विभाजन की कहानी बताते थे। विभाजन के समय हुए दंगों में हजारों लोग मारे गए थे। लोगों को अमानवीय स्थितियों से गुजरना पड़ा। कौमें वही जिन्दा रहती हैं जो अपना अतीत नहीं भूलतीं। उन्होंने हर वर्ष 14 अगस्त को विभाजन की विभीषिका स्मृति दिवस मनाने का भावुक ​निर्णय लिया। नई पीढ़ी को देश की स्मृतियों से अवगत कराया जाएगा। इससे देशभक्ति की भावना और सुदृढ़ होगी
हमारी संस्कृति और उसकी समृद्ध परम्पराओं ने हमें विशिष्ट रूप से गढ़ा है, इसलिए देश को स्मरण भी करतेे रहना है। हमें देश की युवा पीढ़ी को इस बात का अहसास कराना है कि हम हजारों साल पुरानी उस संस्कृति और सभ्यता के वारिश हैं जो सारी दुनिया को एक परिवार मानती है।
प्रधानमंत्री ने ओलिम्पिक में पदक विजेताओं और ओलिम्पिक में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के सम्मान में तालियां बजवा कर देश की बेटियों को एक उपहार दिया है। आज बेटियां हर क्षेत्र में कमाल कर रही हैं। अब बेटियों के लिए सभी सैनिक स्कूलों को खोल दिया जाएगा। इसके साथ ही सौ लाख करोड़ की गति शक्ति योजना का ऐलान भी किया है।
देश में नए हाइवे बन रहे हैं, नए एयरपोर्ट बन रहे हैं। इस योजना से अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार मिलेगी। यह हाइवे देश में सम्पर्क बढ़ाएंगे। इससे हर किसी को दुकानदार से लेकर निर्माताओं, उद्यमियों को लाभ मिलेगा। कोरोना काल में कोई भी भूखा नहीं सोया। गरीबों को साल भर से मुफ्त राशन दिया जा रहा है। अब प्रधानमंत्री ने गरीब बच्चों में कुपोषण को दूर करने के लिए पोषण ​युक्त चावल देने का ऐलान कर दिया है।
सरकार की नीतियां नए भारत की तस्वीर गढ़ रही है। हमने भारत को आधुनिक राष्ट्र के रूप में भी ढालना है। कुल मिलाकर मोदी सरकार के कार्यक्रम, नीतियां, परियोजनाओं में ऐसी उम्मीद जाग रही है कि कोरोना की महामारी से उबर कर देश की तस्वीर बदल जाएगी। भारत एक नए युग में प्रवेश करेगा। भारत को शिखर पर ले जाने के लिए देशवासियों को भी अपना दायित्व ​निभाना होगा। संकीर्ण विचारधारा से उठकर एकजुट होकर काम करना होगो। कभी-कभी कुछ ऐसे प्रयास किए जाते हैं, जिससे देश का वातावरण विषाक्त हो जाता है। हमें ऐसे विषाक्त वातावरण से भी मुक्ति पानी है। बेहतर होगा ​हम अपने सामर्थ्य को पहचानें, कर्त्तव्यों को याद रखें और देश के लिए काम करें।


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