सम्पादकीय

होटल-रेस्टोरेंट इंडस्ट्री में 'क्लाउड किचन' कांसेप्ट

Rani Sahu
10 Aug 2021 6:38 PM GMT
होटल-रेस्टोरेंट इंडस्ट्री में क्लाउड किचन कांसेप्ट
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इसके साथ ही इस कांसेप्ट के कारण फूड सर्वर की जॉब भी खत्म हो रही हैं। क्लाउड किचन कांसेप्ट में कई प्रकार की चुनौतियां भी हैं

दिव्याहिमाचल। इसके साथ ही इस कांसेप्ट के कारण फूड सर्वर की जॉब भी खत्म हो रही हैं। क्लाउड किचन कांसेप्ट में कई प्रकार की चुनौतियां भी हैं, जैसे टेक्नोलॉजी पर होने वाला खर्च काफी ज्यादा होता है तथा हाइजीनिक एनवायरनमेंट बरकरार रखने में भी काफी चुनौती आती है। इस कांसेप्ट को शुरू करने के लिए सही समय की बात की जाए तो आम तौर पर इसको आप कभी भी शुरू कर सकते हैं। वर्तमान समय में कोविड-19 महामारी के कारण जब कई होटल व रेस्टोरेंट ठप्प पड़े हुए हैं, तो ऐसे समय में अगर आपके हाथों में स्वाद है और भोजन पकाने की कला है तो अभी ही सही समय है 'क्लाउड किचन' बिजनेस को शुरू करने के लिए। और रही बात इसमें जोखिम लेने की तो कहते हैं न कि 'जीवन में जोखिम न लेना ही सबसे बड़ा जोखिम है'। इसलिए जोखिम की चिंता छोड़कर यह व्यवसाय आज ही शुरू किया जा सकता है…

'आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है', यह मुहावरा शताब्दियों से मानव जाति के उपयोग में रहा है। यह बात शत-प्रतिशत सत्य भी है कि आवश्यकता ही हर नए आविष्कार और खोज के पीछे का मुख्य आधार रहा है। जब भी कभी इनसान को किसी चीज की आवश्यकता हुई है तो उसका आविष्कार भी हुआ है। कोविड-19 महामारी के दौरान कुछ ऐसा ही आविष्कार होटल व खानपान इंडस्ट्री में भी हुआ है। दरअसल कोविड-19 महामारी के दौरान जब सभी कुछ एकाएक बंद कर दिया गया तो उसमें कई रेस्टोरेंट व होटलों ने अपना दम तोड़ दिया, कुछ ही रेस्टोरेंट व होटल इस महामारी के दौरान सरवाइव कर पाए हैं। सब लोग घरों की चारदीवारी में एकाएक बंद हो गए और काफी समय तक घर पर बने खाने पर ही निर्भर रहना पड़ा। इसी दौरान टेक्नोलॉजी की एडवांसमेंट और कोविड-19 महामारी के कारण दम तोड़ती होटल एंड रेस्टोरेंट इंडस्ट्री ने एक कांसेप्ट का आविष्कार किया जिसको आज हम 'क्लाउड किचन' के नाम से जानते हैं। 'क्लाउड किचन' को 'डार्क किचन', 'भूतिया किचन' और 'सेटेलाइट किचन' के नाम से भी जाना जाता है। इस कांसेप्ट ने महामारी के दौरान भी लोगों के जायके में किसी प्रकार की कमी का एहसास नहीं रहने दिया। 'क्लाउड किचन' होटल मैनेजमेंट ग्रैजुएट्स, युवा एंटरप्रेन्योर्स व स्टार्टअप के लिए व्यवसाय का एक बेहतरीन विकल्प है। यह ऐसा बिजनेस या कांसेप्ट है, जिसमें रेस्टोरेंट के बिना ही ग्राहक तक फूड डिलीवरी की जाती है।
भारत में भी पिछले कुछ समय से ऑनलाइन फूड डिलीवरी ने मार्केट में अच्छी पकड़ बना ली है और आज यह इंडस्ट्री 15 बिलियन डॉलर से ऊपर हो चुकी है। रेड शियर मैनेजमेंट कंसलटिंग कंपनी, बेंगलुरू के मुताबिक 2024 तक 'क्लाउड किचन' इंडस्ट्री दो बिलियन डॉलर की हो जाएगी। 2019 तक इसका आंकड़ा 400 मिलियन डॉलर का रहा है। इसके सफल होने का एक कारण इसकी फास्ट डिलीवरी भी है ।ऑर्डर करने के लगभग आधे घंटे के भीतर डिलीवरी हो जाती है। यह एक प्रकार का फूड तैयार करने का यूनिट है जहां सिर्फ कस्टमर की डिमांड पर खाना तैयार किया जाता है और खाना उनके घर या ऑफिस तक डिलीवर किया जाता है। आज के दौर में यह बहुत ही कॉस्ट इफेक्टिव बिजनेस मॉडल है। महामारी के दौरान इस व्यवसाय का ग्राफ तेजी से ऊपर की ओर बढ़ रहा है। युवाओं व व्यवसायियों के अलावा फीमेल सशक्तिकरण के लिए भी यह एक कारगर कदम साबित हो सकता है। इसमें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की मदद से गृहिणी अपने घर के किचन से खाने की डिलीवरी कर सकती है और इससे एक अच्छी आमदनी भी कमा सकती है। 'क्लाउड किचन' कांसेप्ट शुरू करने के लिए सबसे पहले एक ऑनलाइन एप्लीकेशन की आवश्यकता होती है। बिजनेस को तेज गति देने के लिए स्विगी, जोमैटो और उबर जैसी कई अन्य ऑनलाइन डिलीवरी प्लेटफार्म का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके बाद एक ऐसी जगह का चुनाव करना आवश्यक है, जहां से डिलीवरी जल्दी हो सके।
इसके बाद फूड संबंधित बर्तन, किचन इक्विपमेंट, बर्नर, राशन व अन्य उपकरणों की जरूरत होती है। इस बिजनेस को शुरू करने के लिए कुछ लीगल औपचारिकताएं भी पूरी करनी होती हैं, जैसे कि जीएसटी का रजिस्ट्रेशन, एफएसएसएआई का लाइसेंस, नगर निगम लाइसेंस तथा अन्य दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। अगर बात मार्केटिंग की, की जाए तो सोशल मीडिया प्रमोशन एक बेहतर विकल्प है। इसके अलावा कुछ सॉफ्टवेयर के जरिए भी अपना ऑनलाइन ऑर्डर सिस्टम बना सकते हैं। इस बिजनेस को करने के अनेक फायदे भी हैं, जैसे कम लागत पर ज्यादा मुनाफा कमाना, बेहतर एक्सपेंशन की संभावनाएं, हेल्दी एवं हाइजेनिक फूड सर्विस, इंफ्रास्ट्रक्चर पर कम लागत, कम समय में बेहतर फूड सर्विस, अपने शौक को बिजनेस में तब्दील करना, लंबे समय में अच्छा प्रॉफिट कमाना, कंपीटेटिव प्राइसिंग व हाई मार्जिन इसमें शामिल हैं। 'क्लाउड किचन' बिजनेस में अगर 'फैलियर' की बात की जाए तो अनहाइजेनिक फूड एंड बेवरेज सर्विस, स्वाद व मूल्य में कंसिस्टेंसी की कमी इसके कारण हो सकते हैं।

इसके साथ ही इस कांसेप्ट के कारण फूड सर्वर की जॉब भी खत्म हो रही हैं। क्लाउड किचन कांसेप्ट में कई प्रकार की चुनौतियां भी हैं, जैसे टेक्नोलॉजी पर होने वाला खर्च काफी ज्यादा होता है तथा हाइजीनिक एनवायरनमेंट बरकरार रखने में भी काफी चुनौती आती है। इस कांसेप्ट को शुरू करने के लिए सही समय की बात की जाए तो आम तौर पर इसको आप कभी भी शुरू कर सकते हैं। वर्तमान समय में कोविड-19 महामारी के कारण जब कई होटल व रेस्टोरेंट ठप्प पड़े हुए हैं, तो ऐसे समय में अगर आपके हाथों में स्वाद है और भोजन पकाने की कला है तो अभी ही सही समय है 'क्लाउड किचन' बिजनेस को शुरू करने के लिए। और रही बात इसमें जोखिम लेने की तो कहते हैं न कि 'जीवन में जोखिम न लेना ही सबसे बड़ा जोखिम है'।


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