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- कश्मीर में तनाव फैलाने...
हिंदू-सिखों की इन सिलैक्टड हत्याओं से ज़ाहिर है घाटी में अल्पसंख्यकों में भय व्याप्त होता और वे घाटी छोड़ने लगते। लेकिन इन सिलैक्टड हत्याओं के बाद सुरक्षा बलों ने भी अपनी रणनीति बदली और एक साथ ही प्रदेश के अनेक स्थानों पर छापामारी कर लगभग पांच सौ से भी ज्यादा आतंकवादियों के ओवरग्राऊंड वर्करों को पांडाल पर लाया गया। पुलिस की सक्रियता का आलम यह था कि कुछ महीने पहले तक राज्य के राज्यपाल मनोज सिन्हा के सलाहकार रहे एक सज्जन भी पुलिस की जद में आ गए। जितनी तेज़ी और व्यापकता से सरकार ने प्रहार किया, उसकी आशंका शायद न आतंकवादियों को थी और न ही पाकिस्तान को। बल्कि पाकिस्तान को यह लगता था कि अब वह तालिबान का हौवा खड़ा कर भारत सरकार को डरा सकेगा और कश्मीर घाटी के लोगों को एक बार फिर देश के खिलाफ उकसा सकेगा। लेकिन इस बार न तो कश्मीरी पाकिस्तान के झांसे में आए और न ही प्रशासन के हाथ-पैर फूले। अब पाकिस्तान के पास अपना अंतिम दुरुपयोग का पत्ता बचा था…