सम्पादकीय

रोजगार के लिए उठाने होंगे प्रभावी कदम

Rani Sahu
27 April 2023 5:19 PM GMT
रोजगार के लिए उठाने होंगे प्रभावी कदम
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हिमाचल प्रदेश में नई सरकार बनी है और सरकार ने रोजगार को बढ़ाने के कई रास्ते बजट में गिनाए हैं। ऐसे में आम आदमी काफी उत्सुक है। क्योंकि नई सरकार को हिमाचल की जनता ने सत्तासीन होने का अवसर दिया है, इसलिए लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरना सरकार के लिये किसी चुनौती से कम नही होगा। मुख्यमंत्री जी के कई जन हितैषी फैसलों ने युवाओं को उम्मीद की एक किरण दिखाई है। वैसे तो कई ऐसे मुद्दों पर जनता के हित के फैसले सरकार को समय समय पर लेने होते हैं जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, सडक़ जैसी आधारभूत जरूरतों को पूरा करना किसी भी सरकार की प्राथमिकता होती है। हमारा हिमाचल कोई बहुत बड़ा राज्य नहीं है और हिमाचल के अधिकतर लोगों का जीवन स्तर भी भारत में उच्च स्तर का आंका जाता है। इसलिए यहां बजट में बहुत ज्यादा खर्च किसी एक तबके पर हो, ऐसा जरूरी नहीं। परन्तु फिर भी एक बहुत बड़ी समस्या जो शायद आने वाले समय में एक विकराल रूप धारण करेगी, वो है बेरोजगारी। जी हां, हिमाचल में बेरोजगारी की दर दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। बेरोजगारी एक ऐसा दंश है जिसका उपचार सिर्फ रोजगार ही है। ये आने वाले समय में बहुत सी सरकारों के लिए चिंता का विषय बन जाएगा। इसलिए समय रहते इस पर विचार करना और रोजगार के अवसर तैयार करना बहुत आवश्यक है। हिमाचल प्रदेश भारत में सबसे साक्षर प्रदेश है। यहां के युवा मेहनती हैं, वो पहाड़ों के कठिन जीवन के साथ-साथ पढ़ाई के क्षेत्र में भी आगे हैं। यही कारण है कि हर वर्ष पढ़े-लिखे युवा बेरोजगारों की भीड़ में खड़े हो जाते हैं। हिमाचल के पास अधिकतर नौकरीपेशा लोग हैं। इसलिए यहां का अधिकतर युवा भी सरकारी नौकरी ही चाहता है। परंतु सरकारी नौकरियां सीमित हंै। जो एक बार नौकरी में लगेगा वह अपनी पूरी नौकरी करने के बाद ही उस पद को खाली करेगा, तो ऐसे में हर वर्ष कितने सरकारी पद भरे जा सकते हैं, आप खुद विचार कर सकते हैं। आप सबको कुछ आंकड़ों की तरफ ले चलता हूं, तो हिमाचल इस समय बेरोजगारी में पूरे भारत में 6वें पायदान पर है। हम राष्ट्रीय बेरोजगारी दर से ऊपर चल रहे हैं। भारत में इस समय बेरोजगारी दर औसतन 7.8 फीसदी है और हिमाचल में ये आंकड़ा जनवरी 2023 में 10 फीसदी रहा है। हिमाचल में हर वर्ष 60000 युवा रोजगार पाने के लिए पंजीकृत हो रहे हैं। अगर पढ़े-लिखे बेरोजगारों की बात करें तो करीब 31 मार्च 2022 के जारी आंकड़ों के अनुसार हिमाचल में 877507 लोग बेरोजगार हैं। और ये हिमाचल की जनसंख्या का 12 फीसदी हिस्सा है। ये सब आंकड़े चिंतित करने वाले हैं क्योंकि बेरोजगारी बढऩा बहुत सी समस्याओं को जन्म देता है। इसका सबसे बड़ा प्रभाव युवा वर्ग पर पड़ता है। युवाओं के पास अगर रोजगार नहीं होगा तो उनके जीवन में भटकाव आएगा, जिससे अधिकतर युवा वर्ग नशे के चंगुल में फंस रहा है।
और भी कई अनैतिक कार्य युवाओं को आकर्षित कर रहे हैं। इतना ही नहीं, पढ़े लिखे युवा कई शॉर्टकट के चक्कर में इतने अनैतिक कार्य करने लग पड़े हैं कि समाज का सारा संतुलन बिगड़ रहा है। पढ़े लिखे युवा समाज में कुछ रचनात्मक करने की जगह समाज को ही तबाह करते जा रहे हैं जिसका एक बहुत बड़ा कारण बेरोजगारी के रूप में ही सामने आ रहा है। तो फिर आखिर ऐसा क्या किया जाए कि बढ़ती बेरोजगारी का सैलाब रोजगार की तरफ घूम जाए। आज का युवा हर तरीके से सक्षम है कि वह अपने लिए स्वरोजगार अवसर तलाश सकता है। हमारी शिक्षा व्यवस्था अभी भी इतनी प्रभावी नहीं हो पा रही कि पढ़ लिख कर युवा किसी कौशल में विकसित हो जाये। स्कूलों में शुरू किए गए वोकेशनल कोर्स से शिक्षा को रोजगारपरक बनाया जा सकता है परन्तु इसके लिए अभी भी कोई इतना सशक्त रोड मैप तैयार नहीं है। किस क्षेत्र में किसी प्रकार के वोकेशनल कोर्स हो कि छात्र शुरू से ही अपनी रुचि के अनुसार उसमें निपुण हो सके, इस पर भी विचार करना होगा। नई शिक्षा नीति में इसका जिक्र किया गया है परन्तु उसे प्रभावी होने में काफी समय लगेगा। आज भारत विश्व का सबसे युवा देश है और हर रोज नए स्टार्टअप के साथ युवा अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। सिर्फ जरूरत है कि युवाओं को सही अवसर मिले। युवा वर्ग सिर्फ रोजगार के लिए सरकारी नौकरी की तलाश न करे, बल्कि स्वरोजगार की तरफ अपने कदम उठाए। हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी राज्य है, इसलिए यहां की भौगोलिक परिस्थितियां भी इतनी अनुकूल नहीं हैं।
हिमाचल में शुरू से ही उद्योगीकरण की मांग उठती रही है। उद्योग के कारण बहुत से लोगों को रोजगार मिलता है। उद्योग विकसित होने से व्यापार भी बढ़ता है। अन्य राज्यों के साथ भी आयात-निर्यात होता है। इसलिए हिमाचल में उद्योगों के लिए मार्ग सुगम करना होगा ताकि हिमाचल के युवाओं को रोजगार मिल सके। वर्तमान सरकार ने युवाओं को एक लाख नौकरी देने का भी वायदा किया है। ये वायदा सिर्फ सरकारी नौकरी से संभव नहीं है। इसके लिए कुछ और विकल्प तलाशने होंगे जैसे स्वरोजगार के लिए कुछ योजनाएं, इसमें काफी प्रभावी सिद्ध हो सकती हंै। स्वरोजगार के द्वारा लोगों को नई यूनिट शुरू करने के लिए, व्यापार के लिए कई प्रकार से सब्सिडी लोन दिए जाते हैं। इस प्रकार की योजनाओं को हर युवा तक पहुंचाना और इससे भी अधिक जरूरी है युवाओं को प्रेरित करना कि वह सरकारी नौकरी से आगे सोच कर खुद का बिजऩेस शुरू करे और सरकार उसको सहयोग देगी। एक व्यक्ति जो इस प्रकार की शुरुआत करता है वह सिर्फ अकेला इससे लाभान्वित नहीं होता, उसके साथ 5 से 7 लोग और इस लाभ का हिस्सा बनते हैं। नए स्टार्टअप को प्रोत्साहित करना भी आवश्यक है। स्टार्टअप युवाओं को लीक से हट कर सोचने को मजबूर करते हैं। स्टार्टअप के लिए सरकार को और अधिक प्रोत्साहित करना चाहिए। इसके साथ ही व्यापार को भी बढ़ाना बहुत जरूरी है। व्यापारी अगर एक दुकान चलाता है तो अपनी दुकान में 2 या 3 लोगों को काम पर रखता है। इससे लोग रोजगार से जुड़ते हैं। हिमाचल में व्यापार बड़े स्तर पर नहीं बढ़ता, कारण है हिमाचल के पड़ोसी राज्य पंजाब से हर सामान सस्ते दाम पर उपलब्ध रहता है। हिमाचल में बहुत कम बड़े उद्योग हैं, इसलिए होलसेल मॉर्केट भी कम है। सरकार को व्यापारियों के लिए भी लुभावनी योजनाएं लाने की आवश्यकता है। इस प्रकार के कुछ नए और जनहितैषी फैसलों से ही आने वाले समय में बेरोजगारी जैसी गंभीर समस्या से निपटा जा सकता है।
आशीष बहल
शिक्षाविद
By: divyahimachal
Rani Sahu

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