- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- कश्मीर को साधने की...
आदित्य राज कौल। बीते तीन दशकों में पहली बार ऐसा हुआ कि मैंने जुलाई के दौरान पूरा एक महीना कश्मीर घाटी में बिताया। इस दौरान मैं श्रीनगर में लाल चौक के आसपास रहा और बिना किसी सुरक्षा कवर के पूरी कश्मीर घाटी में बेरोकटोक घूमा। मेरे जैसा पत्रकार, जो कश्मीर के अल्पसंख्यक समुदाय से हो और इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ सख्त नजरिया रखता हो, उसका पूरी वादी में बिना सुरक्षा के घूमने के बारे में कुछ साल पहले तक सोचा भी नहीं जा सकता था। नि:संदेह इसके पीछे अनुच्छेद 370 और धारा 35-ए को हटाना एक बड़ी वजह है। आंकड़े गवाह हैं कि 5 अगस्त 2019 के बाद कश्मीर घाटी में आतंकी हिंसा की बड़ी घटनाओं में खासी कमी आई है। वर्ष 2018 में जहां 614 आतंकी घटनाएं हुई थीं वहीं 2020 में यह आंकड़ा 244 रहा। 2004 में 2565 आतंकी हमलों में 707 से ज्यादा नागरिक मारे गए थे। इस साल अब तक 24 नागरिक आतंकी हमलों में मरे हैं। बीते साल यह आंकड़ा 30 था।