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- मजबूरी में भी कारगर,...
क्यूबा की एक सराहनीय नीति यह रही है कि जब कोई देश संकट में होता है तो वहां सहायता भेजने के लिए तत्पर रहता है। इसके लिए यहां डाक्टरों के विशेष दल तैयार किए गए हैं। ये डाक्टर कठिन स्थितियों में सेवा भाव से दूर-दूर जाने के लिए तैयार रहते हैं। अभी तक डाक्टरों के ये दल लगभग 40 देशों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वैसे क्यूबा के साधन सीमित हैं और वह डाक्टरों को अपेक्षाकृत कम वेतन ही दे पाता है, पर इसके बावजूद यहां के डाक्टरों ने सेवा कार्य की महान उपलब्धि प्राप्त की है। क्यूबा के अनुभव मूल्यवान हैं। इनसे बहुत कुछ सीखा जा सकता है। आज क्यूबा की सहायता के स्थान पर उस पर प्रतिबंध लगाकर गिराने का प्रयास किया जा रहा है। निश्चय ही यह बहुत अनुचित है। इस कठिन परिस्थिति में क्यूबा को विश्व के अधिकतम देशों का सहयोग और समर्थन प्राप्त होना चाहिए। इस तरह क्यूबा ने कृषि, शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष उपलब्धियां हासिल की हैं। इन उपलब्धियों पर महात्मा गांधी की शिक्षाओं की छाप देखी जा सकती है। आज क्यूबा विश्व में अग्रिम पंक्ति का देश बनकर उभरा है…