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- स्वास्थ्य का जिम्मा भी...
पिछले दो वर्षों से भी अधिक समय से पूरा विश्व कोरोना महामारी के कारण अस्त-व्यस्त चल रहा है। इस वर्ष कोरोना से थोड़ी राहत मिलती नजर आ रही थी, मगर अब चीन व यूरोप में चौथी लहर शुरू हो गई है। ऐसे में शिक्षा संस्थानों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के स्वास्थ्य के बारे में प्रबंध करना शिक्षा संस्थान का दायित्व हो जाता है। हमारे देश के पहली कक्षा से लेकर विश्वविद्यालय तक के करोड़ों विद्यार्थी जहां सुचारू शिक्षण मिल रहा है, वहीं पर उनकी सामान्य फिटनेस के लिए जो थोड़े बहुत कार्यक्रम थे वो भी नहीं हो पा रहे हैं। पांच से लेकर सोलह वर्ष तक के बच्चों व किशोरों को जहां सुचारू फिटनेस कार्यक्रम की बहुत ज्यादा जरूरत होती है, वहीं पर हर उम्र के लिए भी फिटनेस कार्यक्रम की जरूरत है। आज जब घर पर बच्चा नियमित न तो कोई घरेलू काम कर रहा है और न ही शिक्षा संस्थान के पास फिटनेस का भी कोई कार्यक्रम है, ऐसे में हमें पहले मानव के वृद्धि व विकास की प्रक्रिया को ठीक से समझना होगा और फिर एक संतुलित फिटनेस कार्यक्रम लागू करना होगा। इस सबके लिए अभिभावकों का जागरूक होना जरूरी है। इस कॉलम के माध्यम से बार-बार इस विषय पर लिखा जा चुका है।