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- चुनाव में शिक्षा

हिमाचल से राजनीतिक संवाद करती आम आदमी पार्टी अपने मरहले में नए रोशनदान लगा रही है। इसी परिप्रेक्ष्य में शिमला आए दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया 'चुनाव में शिक्षा पर चर्चा' का रुख मोड़ देते हैं। जाहिर है 'आप' के पास दिल्ली का मॉडल है और उसी को आधार बना कर वह तुलनात्मक दृष्टि से हिमाचल की शिकायतें सुनने का माहौल बनाना चाहती है। यह नई राजनीति की अपनी शक्ति है कि सामने वाले को कमजोर और दरिद्र बता दो। अभी दिल्ली बनाम हिमाचल की शुरुआत हुई है, आगे चलकर हिमाचल बनाम पंजाब करने का सियासी जवाब भी तैयार मिलेगा। राज्यों के मॉडल या मॉडल बनाम मॉडल की राजनीति दरअसल एक भ्रम है, जो मतदाता को सपनों के काल्पनिक संसार में ले जाता है। इससे पहले गुजरात मॉडल ने पूरे देश में तहलका मचा दिया था, लेकिन यथार्थ की पलकें आज भी इस सपने को देखने के लिए बोझिल हैं। प्रदेश को अगर देश की राजधानी के करीब खड़ा करना है, तो आय-व्यय के शब्दकोश से वे तमाम संभावनाएं जोड़नी होंगी जो दिल्ली को प्राथमिक बना देती हैं।
क्रेडिट बाय दिव्याहिमाचली
